दिल्ली पुलिस की गिरफ्त में आए आतंकी जबीउद्दीन उर्फ अबू जुंदाल से पूछताछ में खुलासा हुआ है कि लश्कर ए तैयबा नासिक की पुलिस एकेडमी पर भी हमला करने की साजिश रच चुका था। इस साजिश में जबीउद्दीन उर्फ अबु जुंदाल की भी अहम भूमिका रही, जिसने पुलिस एकेडमी के आसपास की सारी जानकारी लश्कर को मुहैया कराई।
अबू जुंदाल ने यह भी खुलासा किया है कि वह वर्ष 2009 में पाकिस्तान के मुरीदके में डेविड कोलमेन हेडली से भी मिला था। इस महत्वपूर्ण खुलासे से एक बार फिर से पाकिस्तान कटघरे में आ खड़ा हुआ है, जो बार-बार 26/11 हमले व भारत में आतंक फैलाने में शामिल होने की बात को नकारता रहता है।
स्पेशल सेल के अधिकारी ने बताया कि अबु जुंदाल ने खुलासा किया कि वर्ष 2007 में मुरीदके स्थित ट्रेनिंग कैम्प में उसकी मुलाकात डेविड कोलमेन हेडली से हुई थी। हालांकि उसकी और हेडली की कोई खास बातचीत नहीं हुई थी। दूसरा बड़ा खुलासा अबु जुंदाल ने किया है कि वर्ष 2010 में पुणो जर्मन बेकरी बम धमाके के बाद लश्कर के निशाने पर नासिक की पुलिस एकेडमी थी। इसके लिए अबू जुंदाल ने अपने साथियों लाल बाबा, फयाज कागजी, हिमायत बेग व अन्यों के साथ मिलकर पूरी साजिश तैयार कर ली थी।
लश्कर की एक टीम भारत में दाखिल भी हो चुकी थी लेकिन इसी बीच बेग को भारत में महाराष्ट्र एटीएस द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया। इस कारण पुलिस एकेडमी पर हमले को रोकना पड़ा। जुंदाल के अनुसार नासिक पुलिस एकेडमी पर हमला लाहौर में पुलिस कैम्प पर हुए हमले की तर्ज पर करना था। यही कारण था कि लश्कर ने अलग से फिदायीनों की एक टीम तैयार कर भारत में भेजी थी। जुंदाल का कहना है कि उसे फिदायीन टीम के बारे में कोई जानकारी नहीं है कि वह भारत के किस हिस्से में दाखिल हुई और अब कहां है। पुलिस को जांच में यह भी पता चला कि जिस पाकिस्तानी पासपोर्ट से जुंदाल सउदी अरब में दाखिल हुआ था, वह फर्जी नाम पर बना था।
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