वर्ष 2002 के गुजरात दंगों के तहत बेस्ट बेकरी केस में नौ आरोपियों में से पांच बरी हो गए हैं जबकि शेष चार को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। तीन जुलाई को हाईकोर्ट ने इस मसले पर सुनवाई पूरी कर अपना फैसला सुरक्षित रखा था।
गौरतलब है कि बेस्ट बेकरी केस के नौ अभियुक्तों ने निचली अदालत के उस फैसले को चुनौती दी थी, जिसके तहत छह साल पहले उन्हें उम्र कैद की सजा सुनाई गई थी। न्यायमूर्ति वीएम कनाडे और न्यायमूर्ति पीडी कोड़े की खंडपीठ ने इस मामले में पांच अभियुक्तों को बरी कर दिया जबकि चार की सजा बरकरार रखी है।
गोधरा कांड के बाद गुजरात दंगों के दौरान एक मार्च, 2002 को बडोदरा में 14 लोगों ने हनुमान टेकड़ी स्थित बेस्ट बेकरी में शरण ली थी। इन सभी की उन्मादी भीड़ ने हत्या कर दी थी। मुंबई की एक विशेष अदालत ने इस मामले में 17 आरोपियों में से नौ को दोषी ठहराया था। इसके बाद इन नौ लोगों ने इस फैसले को चुनौती देने के लिए उच्च न्यायालय का रुख किया था।
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