आज बिहार का नाम देश के सबसे तेजी से विकास करने वाले राज्यों में आता है. किंतु यदि तेजी से विकास करने वाले इस राज्य की राजधानी पटना की बात की जाये तो ऐसा नहीं लगता. पटना के निबंधन कार्यालय की बिल्डिंग जर्जर घोषित हो गई है. यहाँ रखे महत्वपूर्ण दस्तावेज सही ढंग से देखरेख न होने के कारण खराब हो रहे है. निबंधन कार्यालय में ये दस्तावेज ब्रिटिशकाल से ही रखे गये है.
पटना में ज्यादातर झगड़े जमीन से जुड़े ही होते हैं, ऐसे में इन दस्तावेजों की कितनी महत्ता है ये समझने वाली बात है और ये दस्तावेज धूल और पानी में सड़ रहे हैं. सरकार विकास के बड़े-बड़े दावे करती है. सुशासन,पेपरलेस कार्यालयों और ई-गवर्नेंस की बातें करती है, लेकिन अठाहरवी सदी से रखे हुए इन दस्तावेजों (जोकि अब सङ रहे हैं) की ओर किसी का ध्यान नहीं है. साथ ही राज्य सरकार को इसके लिए जमीन भी नहीं मिल रही.
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