यात्री कार बनाने वाली देश की अग्रणी कंपनी मारूति सुजुकी इंडिया लिमिटेड ने मानेसर संयंत्र में हुई हिंसा की जांच पूरी होने तक तालाबंदी की आज घोषणा करते हुये कहा कि इस संयंत्र को कहीं अन्यत्र स्थानातंरित नहीं किया जायेगा। कंपनी के अध्यक्ष आर सी भार्ग और अन्य बड़े अधिकारियों ने संयंत्र में बुधवार को हुई हिंसा के बाद यहां पहले संवाददाता सम्मेलन में कहा कि जब तक हिंसा के मामले की जांच पूरी नहीं हो जाती और भविष्य में सुरक्षा के उपाय सुनिश्चित नहीं कर लिए जाते मानेसर संयंत्र में उत्पादन बंद रहेगा।
भार्गव ने कहा कि कंपनी का देश विदेश में नाम है और इस घटना से सदमा लगा है। उन्होंने कहा कि इस घटना में ९० प्रबंधक और सुपरवाईजर घायल हुए हैं और २४ कर्मचारी अभी भी अस्पताल में भर्ती है। संयंत्र के एक वरिष्ठ अधिकारी मानव संसाधन विभाग के महाप्रबंधक अविनाश कुमार देव की मौत हुई है। भार्गव ने कहा कि हरियाण सरकार से घटना की पूरी जांच करने की मांग की गयी है। यह पूछे जाने पर हरियाणा सरकार इस मामले में कैसा सहयोग कर रही है भार्गव ने कहा कि राज्य सरकार की ओर से जांच में पूरा सहयोग मिल रहा है। मानेसर संयंत्र बंद होने से घाटे के संबंध में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि नुकसान या घाटे की चिंता नहीं है। आदमी की जान से बड़ा कोई नुकसान नहीं है। उन्होंने कहा कि पिछले साल की हड़ताल के बाद कर्मचारियों की दो प्रमुख मांगे मानेसर संयंत्र की यूनियन का पंजीकरण और अनुबंध के कर्मचारियों को स्थायी किए जाने की प्रक्रिया पर काम किया जा रहा था।
पिछली हड़ताल के बाद अधिकांश कर्मचारी काम पर लौट आये थे और कुछ ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) ले ली थी, किसी भी कर्मचारी को तंग नहीं किया गया था। भार्गव ने मानेसर संयंत्र में हुई ङ्क्षहसा की कड़ी ङ्क्षनदा करते हुए कहा कि पिछले साल हुई कर्मचारियों की हड़ताल के बाद उनकी मुख्य मांगों का समाधान निकाल लिया गया था। उन्होंने कहा कि ङ्क्षहसा का कोई कारण समझ नहीं आ रहा है। अपने ही कर्मचारियों से ऐसी हिंसा की उम्मीद नहीं थी।
प्रबंधन ने अनुबंध कर्मचारियों को स्थायी करने के लिए नयी नीति तैयार की थी और इन्हें स्थायी करने की प्रक्रिया पर तेजी से काम किया जा रहा था। उन्होंने कहा कि वेतन मुद्दों पर समझौते के लिए बातचीत जारी थी। छुट्टी-वेतन की समस्या नहीं थी। तालाबंदी के दौरान कर्मचारियों के वेतन आदि के संबंध में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि इस दिशा में नियमानुसार कार्रवाई की जायेगी। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार से इस पूरे मामले की जांच की मांग करते हुए उन्होंने कहा कि जब तक इस घटना के कारणों का सही पता नहीं लगता भविष्य में सुरक्षा के कदम सुनिश्चित नहीं किये जा सकेंगे। उन्होंने कहा कि गुजरात में विस्तार का काम हो रहा है।
इस संयंत्र में प्रति महीने ५० हजार वाहनों से अधिक का उत्पादन होता है और एक महीने तक तालांबदी से कंपनी को २५०० करोड़ रूपये के नुकसान की संभावना है। मानेसर संयंत्र की क्षमता दैनिक १७०० वाहन है। यहां स्विफ्ट, स्विफ्ट डिजायर, एसएक्स फोर और ए स्टार का उत्पादन होता है। स्विफ्ट और डिजायर की लंबी प्रतीक्षा अवधि चल रही और तालाबंदी की वजह से इस अवधि में और अधिक बढ़ोतरी होगी। कंपनी का पुराना संयंत्र गुडगांव में जहां मूल रूप से पेट्रोल कारों का निर्माण होता है। मानेसर संयंत्र में डीजल कारें बनती है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें