जंतर मंतर नहीं तो जेल में अनशन होगा. - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शुक्रवार, 6 जुलाई 2012

जंतर मंतर नहीं तो जेल में अनशन होगा.


जंतर-मंतर पर 25 जुलाई को प्रस्तावित अनशन के लिए दिल्ली पुलिस से इजाजत नहीं मिलने के बाद टीम अन्ना यहीं पर अनशन करने पर अड़ गई है।

टीम अन्ना का कहना है कि अगर जंतर मंतर पर अनशन करने नहीं दिया गया तो फिर तिहाड़ जेल में अनशन होगा। उधर दिल्ली पुलिस ने टीम अन्ना से अनशन के लिए वैकल्पिक स्थल के बारे में सुझाव मांगे हैं।

टीम अन्ना ने दिल्ली पुलिस से 25 से आठ अगस्त तक जंतर मंतर पर अनशन करने की इजाजत मांगी थी, लेकिन पुलिस ने टीम अन्ना जंतर मंतर पर अनशन करने की इजाजत देने से मना कर दिया था। दिल्ली पुलिस के फैसले के विरोध करते हुए टीम अन्ना ने भी यह साफ कर दिया है कि वह अनशन जंतर मंतर पर ही करेंगे या फिर तिहाड़ जेल में। टीम अन्ना के अहम सदस्य अरविन्द केजरीवाल एवं मनीष सिसोदिया ने कहा कि अनशन तो दिल्ली में ही होगा। उनका कहना है कि अब उनकी टीम बैठेगी और फिर आगे की रणनीति तय की जाएगी।

टीम अन्ना को दिल्ली पुलिस ने अनशन की अवधि कम करने की सलाह दी थी, जिसे टीम अन्ना ने खारिज कर दिया। दिल्ली पुलिस का कहना है कि इतने लंबे समय तक जंतर मंतर पर धरने की इजाजत नहीं दी जा सकती और वहां ज्यादा से ज्यादा पांच हजार लोग ही धरने पर बैठ सकते हैं। ऐसे में माना जाता है कि दिल्ली पुलिस टीम अन्ना को जंतर मंतर पर एक से दो दिन के धरने की इजाजत दे सकती है।
दिल्ली पुलिस ने टीम अन्ना को जंतर-मंतर पर 25 जुलाई से अनिश्चितकालीन अनशन की इजाजत देने से इनकार कर दिया है और कहा है कि प्रदर्शन की तारीख संसद के मानसून सत्र के साथ टकरा रही है, जब अन्य संगठनों को भी यहां जगह देनी होगी। 
     
टीम अन्ना ने संप्रग सरकार पर भ्रष्टाचार मसले, सशक्त लोकपाल विधेयक लाने में कथित रूप से विफल रहने और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और उनके 14 मंत्रिमंडल सहयोगियों के खिलाफ विशेष जांच दल बनाने की मांग को लेकर अनिश्चितककालीन अनशन की घोषणा की थी। टीम अन्ना को लिखे गये पत्र में दिल्ली पुलिस ने कहा है कि पूरे साल जंतर-मंतर पर बड़ी संख्या में संगठन प्रदर्शन करते हैं। भूख हड़ताल के प्रस्तावित समय के दौरान संसद का मानसून सत्र चल रहा होगा और उस दौरान जंतर-मंतर पर विभिन्न संगठनों को धरने प्रदर्शन के लिए जगह देनी होती है। इसमें कहा गया है, इस स्थान पर लोगों के बैठने की सीमित व्यवस्था है और इसी को ध्यान में रखते हुए सभी लोगों को स्थान आवंटित किया जाता है। प्रत्येक संगठन को सीमित संख्या में समर्थकों के साथ आने की अनुमति दी जाती है। भारी संख्या में भीड़ जुटने से भगदड़ और अन्य सुरक्षा से संबंधित मसले सामने आ सकते हैं।
     
पत्र में यह भी कहा गया कि इसके लिए विशेष सुरक्षा इंतजामात की जरूरत होगी और सीमित क्षमता वाले जंतर-मंतर पर इससे अतिक्ति दबाव होगा। यह नियमित आवाजाही का मार्ग है और इसे लंबे समय तक बंद नहीं किया जा सकता। इस स्थिति को देखते हुए 25 जुलाई से 8 अगस्त तक जंतर मंतर पर अनशन की अनुमति नहीं दी जा सकती। इसमें कहा गया कि टीम अन्ना किसी अन्य स्थान के लिए पुलिस से संपर्क कर सकती है। 

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