करगिल विजय का दो दिवसीय वर्षगांठ समारोह. - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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गुरुवार, 26 जुलाई 2012

करगिल विजय का दो दिवसीय वर्षगांठ समारोह.


आज भारतीय सेना के लिए गौरव का दिन है. करगिल विजय दिवस की आज 13वीं वर्षगांठ है. आज ही के दिन भारतीय सेनाओं ने अपनी जान पर लड़कर कारगिल से पाकिस्तानियों को खदेड़ा था. और पाकिस्तानियों से अपनी पर्वतीय चोटियों पर आजाद कराया था. 

जम्मू कश्मीर के द्रास में करगिल विजय का दो दिवसीय वर्षगांठ समारोह बुधवार से शुरू हो गया. भारतीय सेना पूरी भव्यता के साथ यह आयोजन कर रही है. इस मौके पर द्रास स्थित युद्ध स्मारक पर एक बड़ा राष्ट्र ध्वज फहराया गया. 1999 में पाकिस्तानियों को खदेड़ने के लिए पर्वतीय चोटियों पर लड़ी गई लड़ाई में फतह की यह 13वीं वर्षगांठ है. सेना की उत्तरी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ लेफ्टिनेंट जनरल केटी परनाईक और संसद सदस्य नवीन जिन्दल आज सुबह राष्ट्र ध्वज फहराने के समारोह में मुख्य अतिथि थे.

लेफ्टिनेंट जनरल परनाईक ने लड़ाई में वीरगति को प्राप्त हुए अधिकारियों एवं सैनिकों को श्रद्धांजलि दी. उन्होंने कहा, ‘आजादी के बाद से भारतीय सेना ने बहुत से युद्ध लड़े हैं और हर युद्ध में यह विजयी रही है. 1999 का युद्ध एक अद्वितीय युद्ध था.’ कमांडर ने कहा कि यह दिन भारतीय सेना के लिए ‘अत्यंत महत्वपूर्ण’ है. इसके बाद स्थानीय कलाकार और सेना की यूनिटों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश किया. सेना की ‘टोरनाडोज’टीम ने समारोह के पहले दिन मोटरसाइकिल शो भी किया.

दो दिवसीय समारोह में गुरुवार को युद्ध स्मारक पर पुष्प चक्र अर्पित करने, सैनिक सम्मेलन और बैंड प्रस्तुति जैसे कार्यक्रमों का भी आयोजन होगा. आयोजन प्रभारी सेनाधिकारियों ने यहां बताया कि बॉलीवुड के गायक-संगीतकार शंकर, एहसान और लॉय भी मंच पर प्रस्तुति करेंगे. मई 1999 में शुरू हुई करगिल लड़ाई दो महीने तक चली थी. यह भारत की पर्वत चोटियों पर कब्जा कर चुके पाकिस्तानी सैनिकों को खदेड़े जाने के बाद ही खत्म हुई. इनमें से बहुत से मरणोपरांत वीरता पुरस्कार से सम्मानित किए गए. दो दिन तक चलने वाले समारोह के अधिकतर कार्यक्रम तोलोलिंग पहाड़ी पर बनाए गए द्रास युद्ध स्मारक पर होंगे. करगिल, मशकोह, बटालिक और द्रास क्षेत्र में चली इस जंग में शहीद हुए रणबांकुरों की विधवाएं और रिश्तेदार वर्षगॉँठ के सभी कार्यक्रमों में मौजूद रहेंगे.


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