बिहार में तकनीकी शिक्षा को ज्यादा सशक्त और पारदर्शी बनाने के लिए सूचना एवं प्रावैधिकी विभाग राज्य स्तरीय तकनीकी शिक्षा बोर्ड का गठन करेगा। इसके गठन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। ‘स्टेट बोर्ड ऑफ टेक्निकल एजुकेशन’ नाम से गठित होने वाला यह बोर्ड एक स्वायत्तशासी संस्थान होगा।
विज्ञान एवं प्रावैधिकी विभाग ने बोर्ड गठित करने के लिए विधेयक का प्रारूप और अन्य अहम पहलुओं की समीक्षा के लिए एक कमेटी का गठन किया है। विभाग के निदेशक की अध्यक्षता में गठित इस कमेटी में उप सचिव, सहायक सचिव समेत अन्य पदाधिकारियों को रखा गया है। यह कमेटी अन्य राज्यों में पहले से गठित ऐसे ही टेक्निकल बोर्डो के नियमों का अध्ययन कर, इसमें मौजूद अच्छी और अहम बातों को लेकर राज्य के लिए नियम तैयार करेगा।
गठित होने वाले टेक्निकल बोर्ड का प्रमुख अध्यक्ष होंगे, जिन्हें सरकार मनोनीत करेगी। विभाग के निदेशक सचिव होंगे। इसके अलावा कुछ लोग इसके सदस्य बनाए जाएंगे। सदस्यों की संख्या कितनी होगी, यह अभी तय नहीं हुआ है। इस कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद बोर्ड के गठन की फाइल वित्त विभाग में भेजी जाएगी। इसके कुछ दिन बाद इसके कैबिनेट में पेश होने की संभावना है।
स्टेट बोर्ड ऑफ टेक्निकल एजुकेशन का मुख्य कार्य राज्य में आयोजित होने वाली पॉलिटेकनिक कॉलेजों की परीक्षा लेना है। साथ ही पॉलिटेकनिक कॉलेजों में चलने वाले विभिन्न ट्रेडों का पाठ्यक्रम तैयार करना भी है। सभी ट्रेडों के पाठ्यक्रम में बदले समय के अनुसार हो रहे नवीन प्रयोगों और जानकारियों को समायोजित कराने में बोर्ड की भूमिका अहम होगी। पाठ्यक्रम को अपडेट करने के अलावा रोचक और जॉब ऑरिएंटेड बनाने के लिए समय-समय पर विश्लेषण करेगा। बोर्ड के गठन से पॉलिटेकनिक की परीक्षा में पारदर्शिता बढ़ेगी। पॉलिटेकनिक कॉलेजों के गठन और बेहतर संचालन से संबंधित महत्वपूर्ण कार्ययोजना तैयार करेगा। कॉलेजों से जुड़े सभी जरूरी फैसले लेने का अधिकार बोर्ड को होगा। इधर, विज्ञान एवं प्रावैधिकी विभाग के निदेशक श्री भगवान सिंह के अनुसार बोर्ड के गठन की कवायद शुरू हो गई है और जल्द ही आकार लेगा।
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