प्रणब मुखर्जी के चुनाव को अदालत में चुनौती देने के पीए संगमा के फैसले से भाजपा ने अपना पल्ला झाड़ते हुए बुधवार को कहा कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के पूर्व नेता का ऐसा कोई कदम उनका व्यक्तिगत निर्णय होगा।
राष्ट्रपति चुनाव में संगमा की उम्मीदवारी का समर्थन करने वाली भाजपा ने कहा कि देश के शीर्ष संवैधानिक पद के चुने जाने पर वह मुखर्जी का पहले ही स्वागत कर चुकी है और अगर संगमा ने उनके चुनाव के खिलाफ याचिका दायर करने का मन बनाया है तो यह उनका व्यक्तिगत क्षमता में किया गया निर्णय होगा। भाजपा को उससे कुछ लेना-देना नहीं होगा।
भाजपा प्रवक्ता राजीव प्रताप रूडी ने कहा कि हम यह बात एकदम साफ कर देना चाहते हैं कि संगमा अगर ऐसा कोई कदम उठाते हैं तो वह पूर्णत: उनका व्यक्तिगत निर्णय होगा। इसका भाजपा या राजग से कुछ लेना देना नहीं होगा। जहां तक भाजपा और राजग का सवाल है, राष्ट्रपति चुनाव के बाद हमने इस पद के लिए मुखर्जी की विजय का स्वागत किया है। यह पूछे जाने पर कि क्या भाजपा ने मुखर्जी के नामांकन पत्र के बारे में अपनी शिकायतों को समाप्त कर दिया है, रूडी ने कहा कि मेरा ऐसा ही मानना है। यह स्वाभाविक है। हम इस संविधान का हिस्सा हैं प्रक्रिया पूरी हो चुकी है।
राष्ट्रपति चुनाव हारने वाले संगमा मुखर्जी के नामांकन को चुनौती देने का मन बना रहे हैं। संगमा का आरोप है कि मुखर्जी अपना नामांकन पत्र दाखिल करते समय तक लाभ के तीन पदों पर आसीन थे। उनका यह आरोप भी है कि बाद में इस पद से इस्तीफा देने वाले पत्र में मुखर्जी के हस्ताक्षर भी जाली हैं। इस सवाल पर कि क्या संगमा की कानूनी टीम से भाजपा नेता सत्यपाल जैन अलग होंगे, रूडी ने कहा कि पार्टी किसी से ऐसा करने को नहीं कह सकती है और अगर वह संगमा की कानूनी टीम में रहते हैं तो यह उनका व्यक्गित फैसला होगा।
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