खुफिया एजेंसियां बीते वित्त वर्ष में कंपनियों और व्यक्तियों द्वारा कथित तौर पर की गई मनी लांडरिंग और कालाधन के 1,100 से अधिक मामलों की जांच कर रही हैं।
वित्त मंत्रालय की वित्तीय सूचना इकाई द्वारा 2011.12 में कुल 1,130 संदिग्ध लेनदेन रपटें केंद्रीय उत्पाद व सीमा शुल्क बोर्ड और इसकी दो प्रमुख खुफिया इकाइयों डीआरआई व डीजीसीईआई को सौंपी गईं। पिछले छह साल में यह सबसे अधिक एसटीआर हैं। सूत्रों के अनुसार एफआईयू द्वारा जो एसटीआर सौंपे गए हैं, वे मुख्य रूप से कर चोरी व मनी लांडरिंग से संबंधित हैं।
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