ओडिशा स्थित रक्षा ठिकाने से रविवार को सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल, ब्रह्मोस का सफल परीक्षण किया गया। ब्रह्मोस मिसाइल 290 किलोमीटर तक मार कर सकती है और 300 किलोग्राम तक का भार लेकर जा सकती है। इस परीक्षण का उद्देश्य भारतीय उत्पादों की विश्वसनीयता का परीक्षण करना था।
परीक्षण केंद्र के निदेशक एमवीकेवी प्रसाद ने बताया, ‘यह पूर्व के एक संस्करण का एक प्रयोगात्मक दोहराव था।’’ मिसाइल को बालासोर जिले में चांदीपुर स्थित एकीकृत परीक्षण केंद्र से लगभग 10.45 बजे छोड़ा गया। ब्रह्मोस का यह 32वां परीक्षण था। इसकी अधिकतम गति 2.8 मैक है, जो अमेरिकी सबसोनिक टोमाहाक क्रूज मिसाइल की गति से तीन गुना अधिक है। इसकी गति ने ब्रह्मोस को दुनिया का सबसे तीव्र गति वाली क्रूज मिसाइल बना दिया है। यह मिसाइल पनडुब्बियों, पोतों और विमानों से छोड़ी जा सकती है। इस मिसाइल के समुद्री और जमीनी संस्करणों का सफलतापूर्वक परीक्षण किया जा चुका है और उन्हें सेना और नौसेना की सेवा में शामिल किया जा चुका है।
ब्रह्मोस एयरोस्पेस के प्रवक्ता ने बताया, ‘इस अभियान का उद्देश्य उत्पादन स्थिरीकरण के तहत भारतीय कम्पनियों द्वारा निर्मित उप प्रणालियों का परीक्षण करना था।’
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