मुंबई के 26/11 हमले के लिए पाकिस्तान में 12 आतंकवादियों को ट्रेनिंग देते वक्त जबीउद्दीन अंसारी उर्फ अबू जिंदाल को डेविड कोलमैन हेडली से मुंबई के बारे में नियमित जानकारी मिलती थी। हेडली लश्कर-ए-तैबा के भेदिया के तौर पर सूचना जुटाने के लिए मुंबई आता रहता था। जिंदाल ने भारतीय जांच अधिकारियों को बताया कि मुंबई आतंकवादी हमले के लिए लश्कर-ए-तैबा ने 10 नहीं बल्कि 12 आतंवादियों को ट्रेनिंग दी थी। हालांकि बाद में उनमें से 10 को ही भारत भेजा गया।
जांच अधिकारियों ने कहा कि पाकिस्तानी मूल का अमेरिकी नागरिक हेडली रोजाना मुंबई के बारे में ताजा जानकारी लश्कर-ए-तैबा के प्रमुख जकी-उर-रहमान लखवी को दिया करता था, जो आगे जिंदाल को जानकारी देता था।
हेडली ने अमेरिका की अदालत में कहा था कि हमले से पहले उसने मुंबई का दौरा किया था और कई निशानों पर हमले के लिए सूचना इकट्ठा की थी। नैशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी, महाराष्ट्र एटीएस, इंटेलिजेंस ब्यूरो और दिल्ली पुलिस की एक स्पेशल टीम सहित छह से अधिक जांच एजेंसियां जिंदाल से पूछताछ कर रही हैं। उसे सऊदी अरब में गिरफ्तार करने के बाद भारत प्रत्यर्पित किया गया था। दिल्ली एयरपोर्ट पर 21 जून को पहुंचने के तुरंत बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया था। अबू को 05 जुलाई तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया था। एक जांच अधिकारी ने कहा कि अधिकारी उससे रोज लगभग 20 घंटे पूछताछ कर रहे हैं।
जिंदाल ने जांच अधिकारियों से कहा कि हेडली ने लश्कर-ए-तैबा और पाकिस्तान के सैन्य अधिकारियों से सांठ-गांठ कर मुंबई हमला और अन्य आतंकी वारदात की योजना बनाई थी। जांच अधिकारियों के एक सूत्र ने कहा, 'जिंदाल हेडली से 2007 में मुरिदके में स्थित ट्रेनिंग सेंटर में कुछ समय के लिए मिला था।' जिंदाल ने बताया कि हेडली ने लश्कर और पूर्व पाकिस्तानी सैन्य अधिकारियों की ओर से 2008 के हमले का निशाना तय करने के लिए 2006 से 2008 के बीच मुंबई का पांच बार दौरा किया था। '2002 से 2005 तक हेडली कई बार आतंकी ट्रेनिंग के लिए पाकिस्तान आया था। इस दौरान वह अमेरिका के लिए मुखबिर का काम भी करता रहा।' अक्टूबर 2009 में पाकिस्तान जाते समय हेडली को एयरपोर्ट पर गिरफ्तार कर लिया गया था।
लश्कर ने हेडली को आतंकी प्रमुख साजिद मीर के साथ काम करने के लिए कहा, जिसे साजिद माजिद के नाम से भी जाना जाता है। साजिद माजिद मुंबई हमले का मास्टरमाइंड था। मीर के बाद हेडली को जनवरी 2006 में एक आईएसआई अधिकारी मेजर समीर अली के साथ रख दिया गया, जिसने उसे मेजर इकबाल के पास भेज दिया और वही मुंबई हमले से संबंधित दौरे के लिए लाहौर में हेडली को नियंत्रित करता था। इसके बाद इकबाल ने हेडली की पहचान लेफ्टिनेंट कर्नल शाह से कराई, जिसने हेडली को भारत के विरुद्ध आतंकी अभियान के लिए आर्थिक सहायता देने का आश्वासन दिया। गौरतलब है कि नैशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) बुधवार से जिंदाल से पूछताछ करने वाली एजेंसियों में शामिल हुई है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें