भारतीय जनता पार्टी समर्थित राषट्रपति पद के उम्मीदवार पीए संगमा की पूर्व वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी का नामांकन रद्द करने की मांग के बाद राष्ट्रपति पद के नामांकन पत्रों की जांच सोमवार को एक दिन के लिए बढ़ा दी गई है।
राज्यसभा सचिवालय के सूत्रों ने बताया कि नामांकन पत्रों की जांच की तारीख एक दिन के लिए बढ़ा दी गई है। निर्वाचन आयोग ने नामांकन पत्रों की जांच की तारीख दो जुलाई निर्धारित की थी मगर सूत्रों ने बताया कि अब इनकी जांच मंगलवार को की जाएगी।
संगमा के वकील सतपाल जैन ने राज्यसभा के महासचिव और राष्ट्रपति चुनाव के लिए निर्वाचन अधिकारी वीके अग्निहोत्री से मांग की है कि चूंकि मुखर्जी लाभ के पद पर हैं इसलिए उनका नामांकन पत्र रद्द कर दिया जाना चाहिए। जैन ने कहा कि भारतीय सांख्यिकी संस्थान (आईएसआई) का अध्यक्ष होने के नाते मुखर्जी राष्ट्रपति का चुनाव नहीं लड़ सकते। उन्होंने कहा कि उनकी शिकायत पर मुखर्जी की ओर से जवाब मंगलवार को दोपहर बाद दो बजे तक दायर किया जाएगा। कोलकाता से मिली रिपोर्टों के अनुसार मुखर्जी 20 जून को आईएसआई के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे चुके हैं। आईएसआई सूत्रों के अनुसार मुखर्जी का पद मानद था और इसके लिए वह कोई तनख्वाह नहीं ले रहे थे।
मुखर्जी का राष्ट्रपति पद पर चुनाव लगभग तय माना जा रहा है। उन्हें सिर्फ तृणमूल कांग्रेस को छोड़ संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन के सभी घटक दलों के अलावा शिव सेना, जदयू, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी तथा कई अन्य दलों का समर्थन हासिल है। दूसरी ओर संगमा को भाजपा के अलावा शिरोमणि अकाली दल, बीजद और अखिल भारतीय अन्नाद्रमुक समर्थन दे रहे हैं।
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