सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को निर्देश दिया कि वह साध्वी प्रज्ञा ठाकुर से पूछताछ न करे. साध्वी प्रज्ञा मध्य प्रदेश में वर्ष 2007 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के कार्यकर्ता सुनील जोशी की हत्या के सिलसिले में आरोपी है.
प्रज्ञा की ओर से पेश वरिष्ठ वकील बासव प्रभु पाटील ने जब अदालत से कहा कि एनआईए अपने गठन से पूर्व की घटना की जांच नहीं कर सकती, तब न्यायमूर्ति एच.एल. दत्तू और न्यायमूर्ति सी.के. प्रसाद की खंडपीठ ने अवरोध-आदेश पारित किया. ज्ञात हो कि एनआईए का गठन दिसम्बर 2008 में हुआ था. प्रज्ञा ने एनआईए के गठन से पूर्व हुए अपराध की जांच के उसके अधिकार को चुनौती दी थी.
प्रज्ञा ने मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के उस आदेश को चुनौती दी थी जिसमें भोपाल स्थित एनआईए की अदालत को जोशी हत्या मामले में उससे पूछताछ के लिए अनुमति संबंधी जांच एजेंसी की याचिका मंजूर करने की अनुमति दी गई थी. एनआईए की अदालत ने प्रज्ञा से पूछताछ की अनुमति 12 अप्रैल को दी थी. सर्वोच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति एच.एल. दत्तू और न्यायमूर्ति चौहान की खंडपीठ ने प्रज्ञा के मामले को सुधाकर धर द्विवेदी और कर्नल प्रसाद पुरोहित के मामले के साथ चिह्न्ति किया. इन दोनों ने भी एनआईए के अधिकार क्षेत्र को चुनौती दी थी. उल्लेखनीय है कि द्विवेदी और पुरोहित 2008 में हुए मालेगांव विस्फोट मामले के आरोपी हैं
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