समाज कल्याण विभाग की पेंशन योजनाओं में लाभार्थियों को सीधे उनके बैंक खातों में पेंशन भेजने का केंद्र सरकार ने सख्त निर्देश दिया है, लेकिन राज्य में अब भी बड़ी संख्या में पेंशन लाभार्थियों के खाते राष्ट्रीयकृत बैकों में नहीं खुल पाए हैं। इससे लाभार्थियों को समय से पेंशन नहीं मिल पा रही है। दरअसल समाज कल्याण विभाग की निसक्त पेंशन योजनाओं में सरकारों द्वारा प्रयोग-दर-प्रयोग किए जाने से हालात बिगड़ते चले गए। पहले बैंकों की कमी और दूरस्थ क्षेत्रों के लाभार्थियों की सुविधा को देखते हुए पेंशन धनराशि मनीआर्डर से भेजने की व्यवस्था थी। धीरे-धीरे मनीआर्डर प्रथा कुछ अपवाद मामलों को छोडक़र औचित्यहीन हो गई। मनीआर्डर भेजने में ही लाखों रुपये कमीशन के रूप में समाज कल्याण विभाग के खर्च हो जाते थे। तब पोस्ट आफिस और बैंकों में खाता खोलने पर जोर दिया गया।
दो साल पहले केंद्र सरकार ने सीबीएस बैंक शाखाओं में खाता खोलना अनिवार्य कर दिया। इसके बाद अभियान चला कर सीबीएस शाखाओं में खाते खुलवाए गए। इधर एक साल पहले राज्य की भाजपा सरकार ने पेंशन लाभार्थियों के खाते गांवों के मिनी बैंकों में खोलने का फरमान जारी कर दिया। ऐसे में नए लाभार्थियों के खाते मिनी बैंकों में भी खुल गए। डाकघर और मिनी बैंकों में सीबीएस सुविधा नहीं है। यह बात केंद्र सरकार की गाइड लाइन का उल्लंघन है। निसक्त पेंशन योजना में केंद्र सरकार भी अंशदान करती है। ऐसे में लाभार्थियों के लिए केंद्र सरकार की गाइड लाइन का पालन किया जाता है। ऐसा न होने पर केंद्र पेंशन की धनराशि रोक सकता है। अब केंद्र सरकार ने स्पष्ट कह दिया है कि लाभार्थी को उसके खाते में सीधे पेंशन की धनराशि भेजी जाए, लेकिन यह संभव नहीं हो पा रहा है। लाख प्रयास के बाद भी राज्य में तीनों पेंशन योजनाओं के कुल 4,65040 लाभार्थियों में से 47062 लाभार्थियों का अब तक बैंक खाता नहीं खोला जा सका है। राज्य में वृद्धावस्था पेंशन के कुल 3,13214 लाभार्थी है। इसमें से 23,768 लाभार्थी, विधवा पेंशन के कुल 1,02295 लाभार्थियों में से 13,901 तथा विकलांग पेंशन के 49531 लाभार्थियों में से 9393 लाभार्थियों का अब तक बैंक खाता नहीं खोला जा सका है।
(राजेन्द्र जोशी)
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