महालेखाकार की ऑडिट रिपोर्ट में बिहार के विभिन्न विश्वविद्यालयों में छह कुलपतियों तथा चार विश्वविद्यालयों में प्रति-कुलपतियों की नियुक्ति में कुलाधिपति द्वारा नियमों की अनदेखी और बिहार सरकार से विचार-विमर्श किए बिना नियुक्तियां की जाने की बात कही गई है।
महालेखाकार ने बिहार के राज्यपाल सचिवालय की ऑडिट रिपोर्ट में विभिन्न विश्वविद्यालयों में छह कुलपतियों तथा चार विश्वविद्यालयों में प्रति-कुलपतियों की नियुक्ति में कुलाधिपति द्वारा नियमों की अनदेखी और बिहार सरकार से विचार-विमर्श किए बिना नियुक्तियां की जाने की बात कही गई है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि गत वर्ष जनवरी और अगस्त महीने में कुलपतियों की नियुक्तियां बिहार राज्य विश्वविद्यालय अधिनियम 1976 के नियमों का अनुपालन नहीं किये जाने के साथ-साथ राज्य सरकार से विचार-विमर्श नहीं किया गया। इन कुलपतियों में मुजफफरपुर स्थित बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के कुलपति डा0 राजेंद्र मिश्र एवं उनके बाद उसी पद पर नियुक्त डा0 विमल कुमार, पटना स्थित एमएमएच अरबी-फारसी विश्वविद्यालय के कुलपति डा0 मो0 शमशुज्जोहा, छपरा स्थित जेपी विश्वविद्यालय के कुलपति डा0 राम विनोद सिन्हा, दरभंगा स्थित केएसडी संस्कत विशवविद्यालय के कुलपति डा0 अरविंद कुमार पांडेय, मधेपुरा स्थित बीएन मंडल विशवविद्यालय के कुलपति डा0 अरूण कुमार के नाम शामिल हैं।
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