कर्नाटक के मंत्रियों ने इस्तीफे वापस लिए. - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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सोमवार, 2 जुलाई 2012

कर्नाटक के मंत्रियों ने इस्तीफे वापस लिए.


कर्नाटक में बीजेपी आलाकमान से अपनी मांगों पर विचार किए जाने का आश्वासन मिलने के बाद मुख्यमंत्री डी.वी. सदानंद गौड़ा को हटाने की मांग पर इस्तीफे दे चुके कर्नाटक के नौ मंत्रियों ने सोमवार को अपने इस्तीफे वापस लेने का फैसला लिया है। इससे कर्नाटक की बीजेपी सरकार में चला आ रहा संकट टल गया लगता है। पूर्व मुख्यमंत्री बी.एस. येदयुरप्पा के वफादार नौ मंत्रियों ने केन्द्रीय नेतृत्व के अगले दो-तीन दिन में नेतृत्व परिवर्तन की उनकी मांग पर फैसला लेने का आश्वासन दिए जाने के बाद सोमवार को अपने इस्तीफे वापस लेने का फैसला किया। 

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री डी.वी.सदानंद गौड़ा को हटाने का दबाव बनाने के लिए पिछले सप्ताह विद्रोही समूह से ताल्लुक रखने वाले नौ मंत्रियों ने इस्तीफा देकर ताजा संकट खड़ा कर दिया था। अब विदोही गुट को पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने वार्ता के लिए दिल्ली बुलाया है। बागी नेता येदयुरप्पा के घर पर मीटिंग के बाद इसकी घोषणा करते हुए ग्रामीण विकास और पंचायत राज मंत्री जगदीश शेट्टर ने कहा कि पार्टी आलाकमान ने आश्वासन दिया है कि नेतृत्व परिवर्तन के मसले पर अगले दो-तीन दिन में फैसला कर लिया जाएगा।

येदयुरप्पा के धड़े द्वारा मुख्यमंत्री पद के लिए नामित शेट्टर ने कहा 'पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने मंत्रियों को अपने इस्तीफे वापस लेने और बातचीत के लिए दिल्ली आने को कहा है ताकि सही फैसला लेने के लिए अनुकूल माहौल तैयार किया जा सके।' येदयुरप्पा की तरह बहुसंख्यक लिंगायत समुदाय से ताल्लुक रखने वाले शेट्टर इस्तीफा देने वाले नौ मंत्रियों में शामिल हैं। उन्होंने बताया कि पार्टी नेतृत्व के आश्वासन के बाद इस्तीफे वापस लेने का फैसला किया गया।

इस्तीफा देने वाले नौ मंत्रियों में से एक बसवराज बोम्मई ने कहा कि येदयुरप्पा के 'अच्छा माहौल' तैयार करने के 'निर्देश और सलाह' के अनुसार इस्तीफे वापस लेने का फैसला किया गया ताकि आलाकमान खुलकर 'स्वतंत्र, निष्पक्ष और सर्वमान्य फैसला' कर सके। उन्होने बताया कि शेट्टर और 'सभी महत्वपूर्ण मंत्रियों' को वार्ता के लिए दिल्ली बुलाया गया है और वे संभवत: सोमवार दोपहर बाद राष्ट्रीय राजधानी के लिए रवाना हो जाएंगे। बोम्मई ने येदयुरप्पा धड़े द्वारा नेतृत्व के मसले पर फैसला करने के लिए पांच जुलाई की समय सीमा तय किए जाने को गलत बताया। उन्होंने कहा, 'आधिकारिक तौर पर हमने कोई समय सीमा तय नहीं की है। हमने आलाकमान के लिए कोई समय सीमा निर्धारित नहीं की।' उन्होंने कहा कि 'राजनीति एक प्रक्रिया' है और आज यह ऐसे महत्वपूर्ण चरण में पहुंच गई है जहां पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व को शेट्टर और येदियुरप्पा पर बहुत भरोसा है।

शेट्टर और बोम्मई ने कहा कि बीजेपी अध्यक्ष नितिन गडकरी और वरिष्ठ पार्टी नेता अरुण जेटली पिछले दो दिन से येदयुरप्पा गुट के संपर्क में हैं। पार्टी सू़त्रों ने बताया कि जेटली ने बीती रात येदयुरप्पा से मंत्रियों के इस्तीफे वापस लेने को कहा था और विद्रोही मांगें मानने के लिए सकारात्मक संकेत दिए थे। गौरतलब है कि येदयुरप्पा समर्थक गुट ने चीफ मिनिस्टर डी.वी. सदानंद गौड़ा को हटाने के लिए सिर्फ 4 दिनों का वक्त दिया था। उसका कहना है कि बीजेपी 5 जुलाई तक गौ़ड़ा को हटाकर उनकी जगह पर जगदीश शेट्टार को मुख्यमंत्री बनाए।

शुक्रवार को येदयुरप्पा समर्थक 9 मंत्रियों ने मुख्यमंत्री सदानंद गौड़ा को इस्तीफा सौंप दिया था। रविवार को जगदीश शेट्टार के निवास पर येदयुरप्पा समर्थक विधायकों ने एक मीटिंग की और अपनी शक्ति का प्रदर्शन किया। इस बैठक में 51 विधायकों के शामिल होने की बात कही गई थी। 

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