महाराष्ट्र विधान परिषद में विपक्ष के नेता विनोद तावड़े ने बुधवार को आरोप लगाया कि अबू जंदल की गिरफ्तारी के बाद आतंकवाद में स्थानीय हाथ उजागर हो गया है। उन्होंने मुम्बई के पुलिस आयुक्त रहे दिवंगत हसन गफूर के इस बयान का भी हवाला दिया कि 26/11 के मुम्बई आतंकवादी हमले में स्थानीय लोग शामिल थे।
तावड़े ने आरोप लगाया कि आतंकवाद का नेटवर्क मंत्रालय तक पहुंच गया है और अबू जंदल उसमें महज एक छोटा सा हिस्सा है। उन्होंने कहा कि आतंकवादी नेटवर्क मराठवाड़ा पहुंच गया है और पश्चिमी विदर्भ तेजी से उभरता आतंकवादी गतिविधियों का केंद्र बन गया है।
भाजपा नेता यह भी आरोप लगाया कि वरिष्ठ खोजी पत्रकार जे डे की हत्या के सिलसिले में पत्रकार जिग्ना वोरा को गिरफ्तार करने के लिए कोई ठोस सबूत नहीं है। उन्होंने कहा कि उन्हें पत्रकार की हत्या के मामले में बिना ठोस सबूत के गिरफ्तार कर लिया गया है। उन्होंने सरकार से यह जांच करने को कहा कि क्या जे डे की हत्या छोटा राजन या माफिया सरगना दाउद इब्राहिम ने तो नहीं करवाई।
तावड़े ने कहा कि जे डे के पास आईपीएल मैच फिक्सिंग और सटोरियों के बारे में महत्वपूर्ण सूचनाएं थीं। वह उसका खुलासा करने वाले थे। (हो सकता है) उसी वजह से उनकी हत्या कर दी गई। जे डे की हत्या के पीछे जिग्ना वोरा की मंशा स्पष्ट करने की मांग करते हुए उन्होंने कहा कि महज इतना भर से कि जिग्ना ने डे से कहा था कि आप अपने आप को बहुत स्मार्ट समझते हैं इस बात की आशंका नहीं जान पड़ती है कि उन्होंने (जिग्ना ने) जे डे की हत्या करवाई। हम वास्तविक सत्य जानना चाहते हैं। तावड़े ने दलील दी कि पुलिस ने दावा किया है कि उसके पास इस बात की सूचना है कि वोरा ने 36 कॉल किए लेकिन वह महज तीन कॉल के रिकार्ड ही सामने ला पाई है।
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