बिहार के किशनगंज के कोचाधामन प्रखंड में सूखा राहत वितरण में लाखों रुपये के गोलमाल का खुलासा हुआ है. जिलाधिकारी के निर्देश पर पूरे मामले की जांच करवाई गई है. इसी रिपोर्ट के आधार पर डीएम ने कोचाधामन सीओ मतीन अहमद, प्रधान लिपिक मतीउर रहमान, तत्कालीन अंचल नाजिर लाल बहादुर सिंह से दो दिनों में स्पष्टीकरण जवाब देने को कहा.
जिले में वर्ष 2010 में हुए सूखा राहत मद में कोचाधामन में वितरित करने के लिए 83 लाख रुपये की हेराफेरी की गई. डीएम संदीप कुमार पुडकलकट्टी ने बताया कि पोठिया प्रखंड के 28,39,200 रुपयों समेत कुल 83.82 लाख रुपये कोचाधामन प्रखंड में वितरण करने के लिए दिए गए थे. इसमें दिए गए डीसी बिल के वाउचरों में जमकर अनियमितता मिली है. जांच अधिकारी ने आशंका जताई की ये वाउचर फर्जी हैं.
जाँच रिपोर्ट के अनुसार सीओ सहित आरोपी अंचलकर्मियों ने राहत वितरण में जमकर बंदरबांट की है. साथ ही लाभुकों के अंगूठों के निशानों में भी हेराफेरी हुई है. इसके चलते महालेखाकार, पटना कार्यालय को डीसी विपत्र नहीं भेजा जा सका है. वही डीएम ने सूखा राहत में गड़बड़ी करने वालों पर सख्त कार्रवाई करने की बात कही है.
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें