मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को कहा कि बिहार के बरौनी ताप संयंत्र के विस्तारीकरण के लिए कोल लिंकेज को लेकर सर्वदलीय शिष्टमंडल बड़ी उम्मीद के साथ प्रधानमंत्री से मिला, लेकिन नाउम्मीदी ही मिली।
मुख्यमंत्री ने संवाददाताओं से कहा कि बीटीपीएस के विस्तारीकरण के लिए कोल लिंकेज उपलब्ध कराने को लेकर एक सूत्री मांग के साथ अप्रैल 2012 में बडी उम्मीद के साथ बिहार का सर्वदलीय शिष्टमंडल प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मिला था, क्योंकि कोयला मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल ने मांग नहीं सुनी थी।
उन्होंने कहा कि राज्य को भरोसा था कि बरौनी के पुराने संयंत्र को मिले कोल लिंकेज की तरह 500 मेगावाट के विस्तारीकरण के लिए स्वत: लिंकेज मिल जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इसलिए दोबारा प्रधानमंत्री को 30 जून को पत्र लिखा गया। नीतीश ने कहा कि प्रधानमंत्री से भी आग्रह करने पर कोई हल नहीं निकल रहा है तो लगता है कि उनसे मिलकर समय ही बर्बाद हुआ। प्रधानमंत्री पत्र के बाद फिर कहा है कि देखते हैं। कोयला लिंकेज नहीं मिलना बिहार के साथ घोर अन्याय है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार के साथ हो रहे अन्याय, विशेष राज्य का दर्जा और कोल लिंकेज को लेकर जदयू छह नवंबर को अधिकार रैली और उसके बाद नयी दिल्ली में कार्यक्रम करेगा। उल्लेखनीय है कि केंद्रीय बिजली मंत्री सुशील कुमार शिंदे की सिफारिश के बावजूद कोयला मंत्री ने बिहार के साथ अन्याय किया।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें