मलेरिया के इलाज में एक बड़ी सफलता मानी जाने वाली दवा सिनरियम टीएम के भारत में इस्तेमाल की मंजूरी मिल गई है। यूनिवर्सिटी ऑफ नेब्रास्का मेडिकल सेंटर (यूएनएमसी) की अगुआई में अंतरराष्ट्रीय अध्ययनकर्ताओं के एक दल की ओर से वर्ष 2000 से 2010 के दौरान किए गए प्रयास से इस दवा का निर्माण हुआ। का
इस दल के अगुवा और यूएनएमसी कॉलेज ऑफ फार्मेसी के एक प्राध्यापक जानाथन वेन्नेरस्टॉर्म का मानना है कि यह दवा मलेरिया से होने वाली मौतों को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
जोनाथन ने कहा कि मलेरिया से हर साल 20 करोड़ से भी अधिक लोगों की मौत होती है और ऐसे में यह दवा विश्व भर में लोगों की जान बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। उन्होंने इस दवा को बनाने में एक करोड़ 20 लाख डॉलर से भी अधिक सहायता देने वाली जिनेवा की गैर सरकारी संस्था मेडिसीन्स फॉर मलेरिया वेंचर (एमएमवी) के प्रति आभार जताया।
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