भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (आईसीसीआर) के अध्यक्ष एवं सांसद डा़ कर्ण सिंह ने शनिवार को कहा कि भारत सांस्कृतिक दृष्टि से सुपर पावर रहा है। आज भारत के सुपर पावर बनने के विषय पर चर्चाएं हो रही हैं। पटना में आईसीसीआर के क्षेत्रीय कार्यालय के उद्घाटन के मौके पर उन्होंने कहा कि सुपर पावर के लिए आर्थिक, राजनीतिक एवं सांस्कृतिक आयाम की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि आसियान के देशों की संस्कृति पर हिन्दू और बौद्घ धर्म का असर दिखता है।
उन्होंने कहा कि आसियान के अधिकतर देशों में भारतीय लेखन और संस्कृति का असर देखा जा रहा है। पूर्वी, दक्षिण एवं दक्षिण पूर्व एशियाई देशों में भारतीय संस्कृति फैली हुई है। इंडोनेशिया में बड़ी-बड़ी मंदिरें है। इंडोनेशिया मुस्लिम प्रधान देश है फिर भी वहां पर हिन्दू संस्कृति से जुड़े दस्तावेजों को सुरक्षित एवं सजाकर रखा गया है। आईसीसीआर के विषय में उन्होंने बताया कि इसकी स्थापना 1950 में भारत के प्रथम शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद ने किया था। दुनिया के विभिन्न देशों में इसके 37 केन्द्र हैं। 17 स्थानीय कार्यालय देश में हैं जबकि 18वां कार्यालय बिहार में खुला है।
उन्होंने कहा कि बिहार की संस्कृति की चर्चा किए बिना भारतीय संस्कृति की चर्चा अधूरी है। बिहार की मिथिला पेंटिंग, छउ नृत्य एवं अन्य संस्कृतियां अद्भुत है। चाण्क्य, आर्यभट्ट, चन्द्रगुप्त प्राचीन मगध मौर्य साम्राज्य ऐतिहासिक धरोहर हैं। भारतवर्ष की संस्कृति में बिहार का योगदान महत्वपूर्ण है। इसके पूर्व आईसीसीआर के क्षेत्रीय कार्यालय का उद्घाटन पटना में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान समय में यह कार्यालय आफिसर फ्लैट में चलेगा परंतु जल्द ही इसके लिए स्थायी भवन उपलब्ध करा दिया जाएगा। उन्होंने पटना में आईसीसीआर के क्षेत्रीय कार्यालय खोले जाने के लिए डा. सिंह को धन्यवाद देते हुए कहा कि वे व्यक्तिगत रूप से तथा बिहार सरकार इस केन्द्र को विकसित एवं समृद्घ बनाने के लिए हर तरह का सहयोग देने के लिए तत्पर रहेंगे।
इस केन्द्र की स्थापना से सांस्कृतिक गतिविधि बढ़ेगी तथा बिहार के कलाकारों को भी पर्याप्त अवसर मिलेगा। मुख्यमंत्री ने डा. सिंह के बिहार आने का स्वागत किया और उन्हें आगे भी बिहार आते रहने को कहा। उन्होंने कहा कि विद्वत जनों के पधारने से बहुत लाभ मिलता है। जो बातें होती हैं वह आगे के लिए नया मार्ग खोलती है तथा ऐसी मुलाकातें बहुत लम्बे समय तक याद रहती हैं। उन्होंने कहा कि नालन्दा अन्तर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालय खुाल जाने से राज्य में अनेक गतिविधियां बढ़ेगी। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कला एवं संस्कृति विभाग की पत्रिका 'पटना कलम' का लोकार्पण भी किया।
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