सरकार कालाधन की समस्या से निपटने और विदेश से अवैध मार्ग के जरिए आने वाले धन पर अंकुश लगाने के लिए विदेश में और 14 आयकर कार्यालय स्थापित करेगी। वित्त मंत्रालय ने हाल ही में इस संबंध में एक विस्तृत प्रस्ताव विदेश मंत्रालय के पास भेजा है जिसमें उन देशों का नाम लिखा है जहां ये कार्यालय खोले जा सकते हैं।
भारत ने साइप्रस, फ्रांस, जर्मनी, नीदरलैंड, जापान, यूएई, ब्रिटेन, अमेरिका, मारीशस और सिंगापुर में इस तरह के 10 कार्यालय पहले ही स्थापित कर रखे हैं और वित्त मंत्रालय और आयकर विभाग की जांच शाखा ने इस प्रयोग को सफल होते पाया है क्योंकि भारतीय वित्तीय खुफिया अधिकारियों से ‘अच्छी’ सूचना मिली है।
वित्त मंत्रालय के अनुसार 14 कार्यालय स्थापित करने का प्रस्ताव विदेश मंत्रालय के पास भेजा गया है जो विचाराधीन है और दोनों मंत्रालय ने इस विषय पर कुछ दौर की वार्ता भी की है। जिन देशों में नए कार्यालय खोले जाने हैं उनमें स्विट्जरलैंड भी शामिल है जो भारत का एक महत्वपूर्ण साझीदार है और जिसके साथ भारत ने संशोधित दोहरा कराधान बचाव संधि कर रखी है।
तत्कालीन वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने 2012.13 के अपने बजट भाषण में विदेश में इन कार्यालयों की स्थापना के लिए राशि आबंटित की थी। जहां बीते वित्त वर्ष में इन इकाइयों के लिए शुरुआती बजटीय आबंटन 2.41 करोड़ रुपये था, वहीं चालू वित्त वर्ष के लिए इसे बढ़ाकर 18.20 करोड़ रुपये किया गया है।
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