हमलों के साजिशकर्ता साजिद मीर समेत लश्कर-ए-तैयबा के 8 कमांडरों पर अमेरिका ने प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है. भारत के विदेश सचिव रंजन मथाई ने कहा, “चरमपंथ के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय सहयोग के लिए उठाए गए अमरीका के कदम का हम स्वागत करते हैं.”प्रतिबंधों का ऐलान करते हुए अमेरिका ने कहा लश्कर-ए-तैयबा जनवरी 2002 में विदेशी आतंकी संगठन घोषित किए जाने के बावजूद पाकिस्तान और पूरे क्षेत्र में सक्रिय रहा और दुनियाभर में आतंकवादी गतिविधियों में शामिल रहा.
अमेरिकी वित्त विभाग ने कहा, ‘ लश्कर-ए-तैयबा ने पाकिस्तानी, भारतीय, अफगान और अमेरिकी हितों के खिलाफ कई हमले किए और यह नवंबर 2008 के मुंबई हमलों में शामिल रहा, जिसमें 160 से ज्यादा लोगों की जान गई. इनमें छह अमेरिकी शामिल हैं. मीर के अलावा लश्कर के जिन बाकी कमांडरों पर प्रतिबंध लगाया गया है उनमें अब्दुल्लाह मुजाहिद, अहमद याकूब, हाफिज खालिद वालिद, करी मोहम्मद, याकूब शेख, आमिर हमजा, अब्दुल्लाह मुंतजिर और हाफिज सईद का पुत्र तालहा सईद शामिल हैं. भारत ने अमरीका के इस फैसले का स्वागत किया है. प्रतिबंध के मुताबिक कोई भी अमरीकी नागरिक या कंपनी इन आठों लोगों के साथ किसी तरह का व्यापार नहीं करेंगे और इनकी जो भी संपत्तियां अमेरिका में होंगी उन्हें जब्त कर लिया जाएगा.
जिन लोगों का नाम सूची में शामिल किया गया है वो सभी पाकिस्तान के रहने वाले है, जहां से वो लश्कर-ए-तैयबा की गतिविधियां संभालते हैं. यूएस ट्रेज़री के वरीष्ठ अधिकारी डेविड एस कोहेन ने कहा, “लगाया गया प्रतिबंध लश्कर-ए-तैयबा के सभी धड़ों पर अब तक की गई सबसे पुख्ता कार्रवाई है.” कोहेन के अनुसार लश्कर के आर्थिक तारों को चिन्हित कर उनके खिलाफ कार्रवाई करना सबसे ज्यादा अहम है क्योंकि संगठन इसी के जरिए पैसे जुटाता है जिसे चरमपंथी गतिविधियों पर खर्च किया जाता है.
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