प्रख्यात आलोचक डा० बिजेन्द्र ना० सिंह नहीं रहे - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

मंगलवार, 14 अगस्त 2012

प्रख्यात आलोचक डा० बिजेन्द्र ना० सिंह नहीं रहे


बिहार प्रगतिशील लेखक संघ के मीडिया प्रभारी सह प्रवक्ता अरविन्द श्रीवास्तव ने बताया कि प्रख्यात आलोचक, समीक्षक एवं हिन्दी में प्रगतिशील धारा के लेखक डा० बिजेन्द्र नारायण सिंह (78) का निधन इलाज के दौरान कल 13 अगस्त रात पटना में हो गया.

डा० सिंह का जन्म समस्तीपुर के विभूतिपुर में हुआ था.बिहार के टीएनबी कॉलेज भागलपुर सहित केन्द्रीय विश्वविद्यालय हैदराबाद में हिन्दी विभागाध्यक्ष के पद पर ये कार्यरत थे. सम्प्रति मुजफ़्फ़रपुर  मे रहकर साहित्य साधना कर रहे थे। कई ग्रंथों के प्रणेता डा० बिजेन्द्र ताउम्र प्रगतिशील साहित्य लेखन से संबद्ध रहे.जनवादी लेखक संघ के वर्तमान में बिहार अध्यक्ष के पद पर रहते हुए प्रगतिशील लेखक संघ के कार्यक्रमों में इनकी उल्लेखनीय भागीदारी रही.बिहार प्रलेस के महासचिव श्री राजेन्द्र राजन ने कहा कि इससे बिहार के साहित्य लेखन को अपूरणीय क्षति हुई है.

श्री राजेन्द्र राजन ने ये भी बताया कि हाल में उन्होंने बेगुसराय के गोदरगांवा स्थित विप्लव पुस्तकालय को अपनी पांच हजार पुस्तकें सहयोग स्वरुप प्रदान किया, जहाँ देश के नामचीन साहित्यकार, लेखक जुटते रहे हैं. डा० बिजेन्द्र ना० सिंह के निधन पर प्रगतिशील लेखक संघ के डा० खगेन्द्र ठाकुर, ब्रज कुमार पाण्डेय, शहंशाह आलम, डा० पूनम सिंह, अरूण शीतांश, जनार्दन मिश्र, रमेश ऋतम्भर, रानी श्रीवास्तव आदि ने गहरा शोक व्यक्त किया है.

कोई टिप्पणी नहीं: