गीतिका शर्मा खुदकुशी कांड में हरियाणा के पूर्व मंत्री गोपाल कांडा ने दिल्ली पुलिस के आगे आत्मसमर्पण कर दिया। आत्मसमर्पण का यह ड्रामा शुक्रवार आधी रात से शुरू हुआ जो तड़के लगभग साढ़े तीन बजे तक चला।
दिल्ली हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत याचिका खारिज होने के बाद उसके पास कोई रास्ता भी नहीं बचा था। हालांकि दिल्ली पुलिस की कोशिश कांडा के सरेंडर को गिरफ्तारी में बदलने की थी। लेकिन कांडा पुलिस को चकमा देकर खुद ही थाने पहुंच गया। इससे पहले पुलिस ने थाने पहुंचे कांडा के भाई गोविंद को भी गिरफ्तार कर लिया था। जिसके खिलाफ कांडा के समर्थकों ने थाने के बाहर जमकर हंगामा किया।
इस नए घटनाक्रम के बाद गोपाल कांडा के सरेंडर पर भी सवालिया निशान खड़ा हो गया। जो कांडा दस मिनट में थाने पहुंचने वाला था उसका आना टलता नजर आया। इस बीच दिल्ली पुलिस ने अचानक उन तमाम रास्तों पर चौकसी बढ़ा दी जिनसे गोपाल कांडा के आने की उम्मीद थी। हरियाणा दिल्ली बॉर्डर पर भी नाकाबंदी कर दी गई। अशोक विहार थाने की ओर आ रही हर गाड़ी को चेक किया जाने लगा। लेकिन कांडा ने एक बार फिर पुलिस को चकमा दिया और मीडिया की गाड़ी में बैठ कर थाने पर पहुंच गया। बहरहाल कांडा ने तो सरेंडर कर दिया लेकिन सवाल दिल्ली पुलिस की कार्यशैली पर उठने लगे हैं । सवाल उठता है कि क्या पुलिस कांडा के सरेंडर को ही गिरफ्तारी की तरह पेश करना चाहती थी। सवाल ये भी कि क्या पुलिस कांडा को जमानत याचिका पर फैसले से पहले लगातार बचने का मौका दे रही थी। जाहिर है इन सवालों का जवाब देना दिल्ली पुलिस के लिए आसान नहीं होगा।
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