मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का कथित आपत्तिजनक कार्टून आनलाइन करने के मामले में एक प्रोफेसर और उनके पडोसी की गिरफ्तारी में खामी पाते हुए पश्चिम बंगाल मानवाधिकार आयोग ने राज्य सरकार से दोनों पीड़ितों को 50-50 हजार रुपये मुआवजा देने के लिए कहा। आयोग ने दो पुलिस अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्यवाही करने की सिफारिश भी की है।
राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति अशोक कुमार गांगुली और दो अन्य सदस्यों ने सिफारिश की कि प्रोफेसर अंबिकेश महापात्र और सुब्रत सेनगुप्ता को जिस तरह से उनके आवासीय परिसर से गिरफ्तार किया गया और जिस तरह उन्हें असंज्ञेय अपराध में थाने में हिरासत में रखा गया, इन दोनों को राज्य सरकार को मुआवजा देना चाहिए।
जादवपुर विश्वविद्यालय में रसायन विज्ञान के प्रोफेसर महापात्र और उनके पडोसी सेनगुप्ता अप्रैल में कथित आपत्तिजनक कार्टून बनाने में आरोपी हैं। न्यायमूर्ति गांगुली और सदस्य न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्ति) एनसी सिल और न्यायमूर्ति एसएन राय द्वारा हस्ताक्षरित आदेश में कहा गया कि राज्य सरकार द्वारा दोनों पीड़ितों को 50-50 हजार रुपये का मुआवजा छह हफ्तों के भीतर दिया जाना चाहिए।
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