ट्रैफिक की समस्या से निजात दिलाने के साथ पटना शहर को नया स्वरूप देने के लिए मोनो रेल की दिशा में तेजी से काम हो रहा है. मोनो रेल परिचालन के लिए नये स्थानों की पहचान के लिए मिट्टी की जांच होगी. रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर टेक्निकल एंड इकोनोमिक सर्विसेज (राइट्स) को मोनो रेल परियोजना के बारे में फिजीबिलिटी रिपोर्ट सौंपने का काम मिला है.
सूत्रों के अनुसार पटना शहर में मोनो रेल परिचालन के संबंध में राइट्स ने कुछ चुनिंदा स्थानों की मिट्टी जांच की है किंतु शहर के नये स्थानों के लिए फिर मिट्टी की जांच होगी. हालांकि राइट्स ने प्रारंभिक जांच के आधार पर रिपोर्ट तैयार कर ली है. माना जा रहा है कि राइट्स द्वारा सव्रे रिपोर्ट सौंपे जाने के बाद मोनो रेल परियोजना के लिए डीपीआर तैयार किए जाएंगे. डीपीआर निर्माण के लिए योग्य निविदाकर्ता का चयन किया जाएगा.
राइट्स द्वारा फिजीबिलिटी रिपोर्ट सौंपे जाने के बाद भारत सरकार से योजना की स्वीकृति के लिए फाइल आगे बढ़ेगी. राइट्स की व्यवहार्यता की मूल्यांकन रिपोर्ट पर बहुत हद तक मोनो रेल का भाग्य निर्भर करता है. राइट्स शीघ्र ही नये स्थानों पर मिट्टी के नमूने जांच करने के बाद रिपोर्ट नगर विकास एवं आवास विभाग को सौंप देगा. नगर विकास एवं आवास विभाग के मंत्री डॉ. प्रेम कुमार का मानना है कि राइट्स की रिपोर्ट मिलने के बाद मोनो रेल के संबंध में आगे की कार्रवाई की जाएगी.
पिछले वर्ष मोनो रेल परियोजना के संदर्भ में पटना में अंतर्राष्ट्रीय निविदाकर्ताओं की मीटिंग बुलाई गई थी. इसमें जापान, जर्मनी, फ्रांस, कोरिया व चीन की नामी गिरामी कंपनियों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया था. मोनो रेल चलने से पटना में बहुद हद तक ट्रैफिक की समस्या से निजात मिल जाएगी. मोनो रेल सड़कों के किनारे ऊपर ही ऊपर दौड़ेगी. खासकर भीड़भाड़ वाले इलाके में मोनो रेल काफी कामयाब होती है. नगर विकास विभाग के अधीन बिहार शहरी आधारभूत संरचना विकास निगम (बिडको) ने पिछले वर्ष मोनो रेल के लिए अंतर्राष्ट्रीय निविदा मीटिंग का आयोजन किया था. राजधानी में मोनो रेल परिचालन के लिए ग्लोबल टेंडर जारी होगा.
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