लोकसभा के पूर्व अध्यक्ष पीए संगमा ने राष्ट्रपति पद पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रणब मुखर्जी के निर्वाचन को उच्चतम न्यायालय में मंगलवार को चुनौती दी है। राष्ट्रपति पद के लिए 19 जुलाई को हुए चुनाव में प्रणब मुखर्जी ने संगमा को पराजित किया था।
संगमा ने चुनाव याचिका में तर्क दिया है कि राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करते वक्त प्रणब मुखर्जी लाभ के पद पर आसीन थे। याचिका में दावा किया गया है कि प्रणब मुखर्जी भारतीय सांख्यिकी संस्थान के अध्यक्ष पद पर आसीन थे।
संगमा के चुनाव प्रचार के प्रभारी भाजपा के वरिष्ठ नेता सतपाल जैन ने बताया कि इस याचिका में राष्ट्रपति पद पर प्रणब मुखर्जी का निर्वाचन निरस्त करने का न्यायालय से आग्रह किया गया है। संगमा चाहते हैं कि प्रणब मुखर्जी का निर्वाचन निरस्त करके उनके स्थान पर उन्हें निर्विरोध निर्वाचित घोषित किया जए।
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