दिल्ली पुलिस गीतिका शर्मा सूइसाइड केस में गिरफ्तार हरियाणा के पूर्व मंत्री गोपाल कांडा की 'काली कमाई' के जाँच की तैयारी में है। इस सिलसिले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) कांडा पर शिकंजा कस सकता है। कांडा के पास अरबों रुपये की बेनामी संपत्ति होने का शक है। बताया जाता है कि उसने गीतिका के नाम पर भी कई तरह के अवैध लेन-देन किए हैं। पुलिस इस संबंध में उसके बारे में आय कर विभाग से भी ब्यौरा मांग रही है।
शनिवार को कांडा ने खुद को बेकसूर बताया और कहा कि उन्हें साजिश के तहत फंसाया गया है। पुलिस ने इस मामले में शनिवार को दो और लोगों को हिरासत में लिया। कांडा ने शनिवार को कोर्ट ले जाए जाने के वक्त रिपोर्टर्स से कहा, 'कुछ नेता मुझे बदनाम करने के लिए ऐसा कर रहे हैं। ये लोग मीडिया को गुमराह कर रहे हैं। सच सामने आएगा।' कांडा की पुलिस रिमांड शनिवार को खत्म हो गई। गौरतलब है कि कांडा अपने खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का केस दर्ज होने के बाद 11 दिनों तक फरार रहे थे और उन्होंने पिछले शनिवार को सआत्मसमर्पण किया था।
कांडा की कंपनी में काम करने वाली गीतिका शर्मा ने 5 अगस्त को आत्महत्या कर लिया था। अपने सूइसाइड नोट में गीतिका ने कांडा और अरुणा चड्ढ़ा को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया था। चड्ढ़ा अभी जूडिशल कस्टडी में हैं। जांच टीम का दावा है कि उन्हें गीतिका का जो सूइसाइड नोट मिला है, उसे सूइसाइड के दिन ही लिखा गया और उस पर दो तारीखें लिखी हुई हैं। इस नोट की जांच के बाद पुलिस ने कहा कि गीतिका ने उसी रात यह नोट लिखा जब उन्होंने खुदकुशी की। इस मामले पर भ्रम पत्र पर लिखी दो तारीखों के कारण पैदा हुआ क्योंकि एक तारीख मई और एक अगस्त की है।
जांचकर्ताओं का यह भी कहना है कि कांडा ने अपने खिलाफ लगे सभी आरोपों का खंडन किया है और आत्महत्या के कम से कम 45 दिनों पहले से वह गीतिका के संपर्क में नहीं थे। उन्होंने यह भी कहा है कि अरुणा ने अपनी ओर से गीतिका के अभिभावकों को फोन किया और उन्हें गीतिका को काम पर भेजने को कहा। इस मामले में पुलिस अंकिता के भी संपर्क में है जिनका नाम भी गीतिका के नोट में है। वह अभी देश से बाहर हैं और पुलिस की ओर से जल्द ही उनसे पूछताछ किये जाने की संभावना है।
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