बिहार में चोरी और डकैती की घटनाओं के चलते लोग असुरक्षित महसूस कर रहे हैं. राज्य में दिन-प्रतिदिन आपराधिक वारदातों का सिलसिला बढ़ता ही जा रहा है. प्राप्त जानकारियों के मुताबिक पुलिस का डर लगभग खत्म है और अपराधी बेखौफ और बेकाबू होकर घूम रहे हैं. उन्हें किसी का खौफ नहीं है. राज्य में अलग-अलग स्थान पर हुई दो वारदातें इस बात की तरफ इशारा करती हैं कि बिहार में लोग अपने घरों में भी सुरक्षित नहीं हैं.
मुज़फ्फरपुर के बहोरा गांव में 10-12 की संख्या में आये अपराधियों ने शुक्रवार 17 अगस्त की रात वहां के निवासी सतेन्द्र ओझा के घर को निशाना बना लिया. अपराधियों ने सतेन्द्र के घर से करीब 10 लाख रुपये लूटे और परिवार के लोगों के साथ मारपीट भी की. दूसरी घटना वैशाली के जहांगीरपुर की है. यहां भी डकैतों ने खून-खराबा किया और लूटपाट की. कुछ लोगों ने अपराधियों को रोकने की कोशिश लेकिन डकैतों ने उन्हें घायल कर दिया. मारपीट और लूटपाट की घटना में एक ही परिवार के 6 लोग घायल हो गए.
एक जानकारी के मुताबिक डकैतों ने तीन लोगों को गोली मार दी और तीन अन्य को धारदार हथियार से घायल कर दिया. इसके बाद बदमाश लाखों का सामान लेकर फरार हो गए. पुलिस अब मामले की छानबीन कर रही है और मामले को जल्द ही सुलझाने का दावा कर रही है. इस तरह की बढ़ती हुई वारदातों ने राज्य और पुलिस प्रशासन की भूमिका पर कई प्रश्न चिन्ह लगा दिए हैं. अब लोग पूछ रहे हैं कि क्या अब वो अपने घरों के अंदर भी सुरक्षित नहीं है. इतनी बढ़ी संख्या में हथियारों के जोर पर घर में घुसकर लूटपाट करना और लोगों को मारना और घायल करके फरार हो जाना आखिर कोई साधारण बात नहीं है. अपराधियों के इस बढ़े हौंसले से लोग सहमे हुए हैं.
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