जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता और वरिष्ठ नेता शकील अहमद खान का आज गुडगांव के मेदांता अस्पताल में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया. शकील अहमद खान 65 वर्ष के थे.पार्टी सूत्रों ने बताया कि खान को दो दिन पहले मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया था और उनकी बाईपास सर्जरी हुई थी. आज उन्होंने अंतिम सांस ली. बिहार के पूर्व मंत्री के परिवार में उनकी पत्नी और तीन पुत्रियां हैं. गया जिले के निवासी खान भाकपा के टिकट पर विधानसभा के लिए निर्वाचित हुए थे.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद और राबडी देवी, जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने खान के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है. जदयू के प्रदेश अध्यक्ष ने खान के निधन को पार्टी और बिहार की राजनीति के लिए एक बड़ी क्षति करार दिया और कहा कि उनकी कमी हमेशा खलती रहेगी. प्रदेश कार्यालय में एक शोकसभा कर खान को श्रद्धांजलि अर्पित की गई. उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने अपने शोक संदेश में कहा कि शकील साहब कौमी एकता और सामाजिक समरसता के प्रबल समर्थक थे. उनके निधन से राज्य को अपूरणीय क्षति हुई है.
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ सीपी ठाकुर ने खान के असामयिक निधन पर शोक जताते हुए कहा कि राजग ने एक तेजतर्रार और अनुभवी नेता खो दिया है. राज्य के खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री श्याम रजक ने कहा कि खान के निधन से राज्य ने एक कुशल राजनेता खो दिया है. भाकपा के राज्य सचिव राजेंद्र प्रसाद ने खान को एक जुझारु और शोषित पीडितों के प्रति संवेदनशील व्यक्ति बताया. उनके निधन से एक प्रतिभाशाली नेता चला गया.
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