दूरसंचार विभाग ने सिम बेचने वाली खुदरा कंपनियों तथा फ्रेंचाइजी के अलावा फर्जी दस्तावेज पर मोबाइल कनेक्शन पाने वालों पर शिकंजा कसने की तैयारी कर ली है। नये दिशा-निर्देशों के अनुसार मोबाइल सिम बेचने वाली खुदरा विक्रेता या फ्रेंचाइजी को जाली दस्तावेज के आधार पर मोबाइल कनेक्शन पाने वाले ग्राहकों के खिलाफ पुलिस शिकायत दर्ज करानी पड़ेगी।
दूरसंचार विभाग के दिशा-निर्देशों के मुताबिक यदि किसी मामले में ग्राहक ने जाली दस्तावेज दिए हैं तथा मूल दस्तावेज भी फर्जी हैं तो दूरसंचार कंपनियों के संज्ञान में लाए जाने के 15 दिन के भीतर खुदरा कंपनियों या फ्रेंचाइजी को पुलिस शिकायत या एफआईआर दर्ज करानी होगी।
नए नियम नवंबर के दूसरे सप्ताह से लागू होंगे। इनके अंतर्गत सिम बेचने वाले अधिकत व्यक्ति को इस बात का उल्लेख करना होगा कि उसने उपभोक्ता के आवेदन फार्म के साथ लगी फोटो को मिलाया है और साथ ही उस व्यक्ति को खुद देखा है। साथ ही खुदरा विक्रेता को इस बात का भी उल्लेख करना होगा कि उसने जमा कराए गए दस्तावेजों को ओरिजनल के साथ मिलाया है और पते का भी सत्यापन किया है।
दिशा-निर्देश के अनुसार अगर खुदरा विक्रेता या फ्रेंचाइजी एफआईआर दर्ज कराने में विफल रहती है तो दूरसंचार कंपनी को ग्राहक के साथ फ्रेंचाइजी या खुदरा कंपनियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करानी होगी। दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि यदि किसी अन्य व्यक्ति के नाम पर उसकी जानकारी के बगैर सिम दिया गया है, तो दूरसंचार आपरेटर को उस फ्रेंचाइजी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करानी होगी। यदि दूरसंचार कंपनी खुदरा कंपनी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने में विफल रहती है, तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
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