उच्चतम न्यायालय ने कॉरपोरेट घरानों की बिचौलिया नीरा राडिया और टाटा समूह प्रमुख रतन टाटा एवं अन्य के साथ हुई बातचीत के टेप लीक होने पर मंगलवार को केन्द्र सरकार को आड़े हाथों लिया।
न्यायमूर्ति जी एस सिंघवी की अध्यक्षता वाली दो.सदस्यीय खंडपीठ ने कहा कि केन्द्र सरकार ने बातचीत का टेप लीक होने से रोकने के लिऐ कोई तंत्र क्यों नहीं विकसित किए। खंडपीठ ने यह बात उस वक्त कही, जब केन्द्र सरकार ने न्यायालय में इन आरोपों का खंडन किया कि राडिया टेप उसकी ओर से लीक हुआ। न्यायालय ने टेप लीक मामले में केन्द्र सरकार की जांच रिपोर्ट को असंतोषजनक करार दिया।
टाटा समूह प्रमुख ने राडिया के साथ बातचीत का टेप लीक होने की जांच कराने की मांग की है। उनकी दलील है कि टेप लीक किया जाना उनकी व्यक्तिगत स्वतंत्रता का हनन है।
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