प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कोयला ब्लॉक आवंटन पर विपक्ष के भारी हंगामे के बीच सोमवार को प्रश्नकाल के बाद लोकसभा में अपना बयान दिया। उन्होंने कोयला आवंटन पर सरकार की तरफ से सफाई दी और कहा कि कैग की रिपोर्ट विवादास्पद है। उन्होंने कहा कि उन पर लगाए गए आरोप निराधार हैं। प्रधानमंत्री जिस समय यह बयान पढ़ रहे थे, विपक्षी दल उनके इस्तीफे की मांग को लेकर भारी शोर-शराबा कर रहा था। इसकी वजह से उनका बयान कोई ठीक से सुन नहीं पाया। विपक्ष के हंगामे के कारण लोकसभा की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। इस बीच खबर है कि प्रधानमंत्री राज्य सभा में भी बयान देंगे।
विपक्ष के तेज विरोध के चलते पिछले 5 सत्र से संसद की दोनों सदनों में हंगामा हो रहा है। कोयला ब्लॉक आवंटन पर सीएजी की रिपोर्ट पर भारतीय जनता पार्टी प्रधानमंत्री का इस्तीफा चाहती है, जबकि सरकार इस रिपोर्ट पर संसद में बहस कराना चाहती है। भाजपा ने जहां संकेत दिया है कि कोयला ब्लॉक के आवंटन में अनियमितताओं पर कैग की रिपोर्ट को लेकर वह प्रधानमंत्री के इस्तीफे की मांग के चलते संसद में गतिरोध जारी रखेगी, वहीं सरकार सोमवार को सर्वदलीय बैठक बुलाने का एक प्रयास करेगी ताकि यह गतिरोध दूर हो सके।
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री अश्विनी कुमार ने कहा कि मुझे पता चला है कि सोमवार को सर्वदलीय बैठक बुलाने की एक कोशिश होगी। बहरहाल, कुमार ने स्पष्ट किया है कि अभी उन्हें कोई खास फैसला किए जाने के बारे में जानकारी नहीं है। उन्होंने प्रधानमंत्री के इस्तीफे के लिए संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही न चलने देने की भाजपा की रणनीति को अस्वीकार्य बताते हुए कहा कि यह तथ्यों पर आधारित है ही नहीं। कुमार ने कहा कि इससे देश के लोगों की संवेदना और भावनाओं का अपमान कर खुद संसद की अवमानना होती है।
उन्होंने कहा कि सरकार कैग की रिपोर्ट पर भरपूर समय देने के लिए प्रतिबद्ध है लेकिन भाजपा जानती है कि बहस होने पर उसके पास कहने के लिए कुछ नहीं है, इसलिए वह संसद का सामना करने से बच रही है। कुमार ने शीघ्र चुनाव की अटकलों को भी खारिज करते हुए कहा कि विपक्ष सपने देख रहा है।
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