अमेरिका ने दक्षिण एशिया के स्थायित्व पर लश्कर-ए-तैयबा की ओर से लगातार उत्पन्न हो रहे खतरे को लेकर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए पाकिस्तान से कहा है कि वह मुंबई हमले के लिए जिम्मेदार इस आतंकवादी संगठन के खिलाफ ठोस कार्रवाई करे।
आतंकवाद से निपटने से सम्बद्ध विभाग के समन्वयक डेनिएल बेंजामिन ने विदेश विभाग की सालाना आतंकवाद रिपोर्ट पर एक विशेष ब्रीफिंग में मंगलवार को संवाददाताओं से कहा कि हमने पाकिस्तान से लश्कर-ए-तैयबा के खिलाफ ठोस कार्रवाई करने का आग्रह किया है। बेंजामिन ने कहा कि हम निश्चिततौर पर मुंबई हमले से सम्बंधित सुनवाइयों में अधिक प्रगति देखना चाहेंगे। उन्होंने कहा कि लश्कर-ए-तैयबा निस्संदेह आतंकवाद को लेकर बड़ी चिंता बना हुआ है। बेंजामिन ने कहा कि उन्होंने लश्कर की ताकत में और दक्षिण एशिया को उसके द्वारा खड़ा किए गए खतरे में कोई गिरावट नहीं देखी है।
विदेश विभाग की रपट में यह भी कहा गया है कि बेहतर भारत-पाकिस्तान सम्बंधों के विरोधी लश्कर जैसे आतंकवादी संगठनों ने नए हमलों के जरिए सम्बंधों में किसी भी प्रगति को पटरी से उतारने की योजना बनाई है। रपट में कहा गया है कि कश्मीर में छिटपुट हिंसा और नियंत्रण रेखा के पार पाकिस्तानी इलाके से घुसपैठ की कोशिशें भी भारत सरकार के लिए गंभीर चिंता बनी हुई है। रपट में यह भी कहा गया है कि भारत ने आतंकवाद निरोधी क्षमता निर्माण के अपने प्रयास और अमेरिका समेत अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के साथ सहयोग को बढ़ाया है। जहां एक तरफ आतंकवादी हिंसा में हुई मौतों की संख्या 2010 की तुलना में कम हुई है, वहीं 1,000 से अधिक लोगों की मौतों ने भारत को अभी भी दुनिया का एक सर्वाधिक आतंकवाद प्रभावित देश बनाए हुए है। 2011 के दौरान मुंबई और दिल्ली में हुए आतंकवादी हमलों, और देश के अन्य हिस्सों में नक्सली हिंसा से यह बात और भी साबित होती है कि भारत आतंकवादी हमलों का शिकार है।
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