कोयला आवंटन पर कैग की रिपोर्ट पर संसद में हुए हंगामे के बाद कोयला मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल ने बुधवार को एक प्रेस कांफेंस में प्रधानमंत्री को बेदाग ठहराते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को दूर-दूर तक दोषी नहीं ठहराया जा सकता, क्योंकि प्रधानमंत्री सीधे तौर पर देश के अर्थ व्यवस्था से नहीं जुड़े हुए हैं. वे इसके लिए जिम्मेदार नहीं है.
बल्कि श्री प्रकाश जयसवाल ने एनडीए सरकार पर ही आरोप लगाते हुए कहा कि विपक्ष सदन में मुद्दे पर बहस कराने से भाग रहा है. बहस होगी तो दूध का दूध और पानी का पानी हो जायेगा. साथ ही उन्होंने कहा कि मामले की सीबीआई जांच की जा रही है और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी. इससे पहले उन्होंने कहा कि विपक्ष शासित राज्यों के सीएम ही नीलामी के जरिए कोल ब्लॉक बंटवारे के खिलाफ थे. सदन में बहस के दौरान इसके सबूत पेश किए जाएंगे.
कोयला मंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, झारखंड और मध्यप्रदेश ने नीलामी के जरिए कोल ब्लॉक बंटवारे का विरोध किया था. इन राज्यों में कांग्रेस की सरकारें नहीं हैं. इन राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने कहा था कि कोल ब्लॉकों की नीलामी नहीं होनी चाहिए. मालूम हो कि बुधवार को कोयला आवंटन पर कैग की रिपोर्ट पर संसद पूरी तरह ठप रही. चार दिन बाद जब संसद का कामकाज शुरू हुआ तो लोकसभा और राज्यसभ कोयला ब्लॉक आवंटन मामले में प्रधानमंत्री की कथित भूमिका पर आरोप लगाते हुए विपक्ष ने उनका इस्तीफा मांगा. विपक्ष ने सदन में नारे लगाते हुए प्रधानमंत्री से इस्तीफे की मांग की.
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