गीतिका शर्मा आत्महत्या मामले में आरोपी और हरियाणा के पूर्व मंत्री गोपाल कांडा की अग्रिम जमानत याचिका दिल्ली हाईकोर्ट ने खारिज कर दी है। निचली अदालन ने कांडा की अग्रिम जमानत की याचिका पहले ही खारिज कर दी थी। इसके बाद कांडा ने दिल्ली हाई कोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए याचिका दायर की थी।
फैसले के बाद कांडा के वकील ने कहा कि हाई कोर्ट ने तकनीकी आधार पर उनके मुव्वकिल की याचिका खारिज की है। दरअसल, याचिका में गोपाल कांडा के दस्तखत की जगह उनके भाई ने हस्ताक्षर किए थे।
हाई कोर्ट में इस मामले में बचाव पक्ष और सरकारी पक्ष ने मंगलवार को बहस की थी। तब अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। मामले की सुनवाई के दौरान एक तरफ जहां कांडा के सीनियर एडवोकेट के. टी. एस. तुलसी ने दलील दी थी कि इस मामले में जो तथ्य सामने आए हैं उसमें मामला आत्महत्या के लिए उकसाने का नहीं बनता। सूइसाइड नोट या फिर एफआईआर में जो कुछ भी दर्ज है उस आधार पर आत्महत्या का केस नहीं बनता। दूसरी तरफ सरकारी पक्ष की दलील थी कि आरोपी को नोटिस जारी किया गया लेकिन वह पेश नहीं हुआ। वह फरार चल रहा है। छानबीन से पता चला है कि कांडा और चड्ढा का कंप्यूटर गायब है। इस मामले में कांडा का कंडक्ट ठीक नहीं है। वह छानबीन में सहयोग नहीं कर रहा। मामले में कांडा की कस्टोडियल पूछताछ जरूरी है ताकि पूरी साजिश का पता चल सके। ऐसे में अग्रिम जमानत की अर्जी खारिज की जाए।
रोहिणी कोर्ट में अरुणा चड्ढा का रिमांड मांगते हुए पुलिस ने कोर्ट से सिर्फ शारीरिक संबंध बनाए जाने बात कही थी। पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि गीतिका के साथ उसकी मर्जी से बनाए गए थे या जबरदस्ती हुई थी। पुलिस कोर्ट को यह बता चुकी है कि गीतिका कई बार प्रेगनेंट हुई थीं और बार-बार उनका अबॉर्शन कराया गया था। गौरतलब है हरियाणा के पूर्व मंत्री गोपाल गोयल कांडा पर गीतिका शर्मा पर आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप है।
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