क्यूरियोसिटी ने पहली बार लाल ग्रह की चौंकाने वाली रंगीन और बड़ी तस्वीरें भेजी हैं। इनसे पता लगा है कि इसके चट्टान के टीले में नुकीली झुकावदार परतें हैं।
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा की ओर से जारी इन तस्वीरों से वैज्ञानिक चकित हैं। उनका कहना है कि ये परतें इस बात का पक्का संकेत हैं कि मंगल के दक्षिणी अक्षांश के भूमध्य क्षेत्र स्थित गाले क्रेटर की बनावट में नाटकीय बदलाव हुए हैं। करीब पांच किलोमीटर ऊंचे शार्प नामक पहाड़ के निचले हिस्से में खास किस्म की परतें हैं। क्यूरियोसिटी यान दो वर्ष के मिशन में छह अगस्त को इसी स्थान से करीब 10 किलोमीटर की दूरी पर उतरा है। वैज्ञानिकों का अनुमान है कि यान को इन परतों के पास पहुंचने में एक वर्ष लग जाएगा।
तस्वीरों से ऐसा लगता था कि ये परतें मिट्टी और खनिजों की हैं जो पानी की मौजूदगी में बने थे। कैलिफोर्निया प्रौद्योगिकी संस्थान के प्रोजेक्ट वैज्ञानिक जोन ग्रोतजिंगर ने कहा , ‘हमें यह साफ महसूस कर सकते हैं कि शार्प पहाड़ की बनावट में बड़ा बदलाव हुआ है। नीचे की चट्टानों के मुकाबले ऊपरी चट्टानों की परतें ज्यादा झुकी हुई हैं। जबकि पृथ्वी के ग्रैंड कैनयान में इसका उलटा है। टेक्टानिक चट्टानों के कारण ग्रैंड कैनयान की निचली परतें तिरछीं हैं, इसलिए पुरानी परतें देखने में खराब हैं। वैज्ञानिक मंगल के पहाड़ की परतों की इस बनावट के कारणों का पता लगा रहे हैं।
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