कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मंगलवार को अपने नेतृत्व की जबर्दस्त बानगी पेश करके जहां विपक्ष को हैरत में डाल दिया, वहीं पार्टी कार्यकर्ताओं में नई जान फूंक दी। जहां पार्टी की संसदीय दल की बैठक में सोनिया ने बीजेपी पर अपने आक्रामक तेवर दिखाए, वहीं लोकसभा में सहयोगी दल एसपी के नेता मुलायम सिंह की बेंच पर जाकर उनसे गुफ्तगू करके बीजेपी के खिलाफ नए समीकरण बनाने के संकेत दिए।
सोनिया ने अगले लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी को तैयार रहने की ताकीद करते हुए संकेत दिए कि चुनाव समय पूर्व भी हो सकते हैं। यूपीए-2 की सरकार बनने के साथ ही कांग्रेस की मुसीबतें भी बढ़ने लगी थीं। कई मंत्रियों पर आरोप लगने के बाद जब बीजेपी ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से भी इस्तीफा मांगना शुरू कर दिया तो ऐसे में सोनिया ने ही मोर्चा संभाला। कांग्रेस में बहुत सारे लोगों को लगता था कि ऐसे मुश्किल वक्त में राहुल गांधी को अपनी नेतृत्व क्षमता दिखाने की जरूरत है, मगर उनके बदले सोनिया ने कमान संभाल कर दिखा दिया कि अभी पार्टी को उनकी बहुत जरूरत है।
मंगलवार को संसद में सोनिया के तीखे तेवरों के बाद उनकी पुरानी निकट सहयोगी रहीं अंबिका सोनी ने बीजेपी पर हमला बोला। इससे पहले सोनिया, आडवाणी को सदन में अपने शब्द वापस लेने पर मजबूर कर चुकी हैं। सुबह सदन शुरू होने से पहले सोनिया अचानक मुलायम सिंह की सीट पर जा पहुंचीं। 'नमस्ते' करके सोनिया ने उनसे कुछ देर बातें कीं। फिर 'शुक्रिया' कहके वापस अपने स्थान पर आ गईं। बाद में जब संवाददाताओं ने मुलायम से इस बारे में पूछा तो वह जवाब देने से बचते रहे।
लेकिन उनकी पार्टी के प्रवक्ता मोहन सिंह ने यह कहकर एक नया विवाद छेड़ दिया कि कांग्रेसी ही प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को हटाने की कोशिशें कर रहे हैं। कांग्रेसी मनमोहन सिंह के बचाव में आगे नहीं आ रहे हैं। लेकिन कांग्रेस की तरफ से इस बयान को कल्पना की उपज बताया गया।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें