कोयला ब्लाक आवंटन में कथित घोटाले और दो अन्य मुद्दों पर नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट को लेकर मंगलवार को संसद में हंगामें के आसार लग रहे हैं। विपक्ष इस मुद्दे को उठाने को तत्पर नजर आ रहा है।
कैग की तीन रिपोर्टों के संसद में शुक्रवार को पेश होने के बाद लोकसभा और राज्यसभा की कल पहली बार बैठक हो रही है। सोमवार को ईद के कारण संसद में अवकाश रहा। भाजपा नेताओं ने पहले ही संकेत दे दिया है कि विपक्ष की आने वाले सप्ताह में इस मुद्दे पर अक्रामक रुख अख्तियार करने की योजना है। पार्टी कैग की रिपोर्ट के मुद्दे को जोरशोर से उठोयगी। पार्टी ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के इस्तीफे की मांग कर रखी है।
कैग ने कोयला खदानों के आवंटन, दिल्ली हवाई अड्डे के ठेके और वहत बिजली परियोजनाओं के लिए कोयले के स्रोतों के आवंटन के मामले में निजी कंपनियों को करीब तीन लाख करोड़ रुपये के अनुचित लाभ का अनुमान लगाया है। संसद के मानसून सत्र के बीच आयी कैग की इन रिपोर्टों से विपक्ष को सरकार के खिलाफ हल्ला बोलने का नया हथियार मिल गया है। संसद का यह मानसून सत्र सात सितम्बर तक चलने वाला है। भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री के इस्तीफे की मांग करके हम इसे यहीं छोड़ने वाले नहीं हैं। हालांकि सरकार और कांग्रेस कैग की रिपोर्ट और भाजपा की प्रधानमंत्री के इस्तीफे की मांग को पहले ही खारिज कर चुकी है। इतना की नहीं, वह लेखा परीक्षक पर लक्ष्मण रेखा को पार करने का भी आरोप मढ़ चुकी है।
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