भारत मुस्लिमों को भड़काने वाले तोड़-मरोड़ कर चित्रों को अपलोड करने के पीछे शामिल तत्वों के बारे में पाकिस्तान से सबूत साझा करेगा. यह पूछने पर कि क्या इन तत्वों का पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई से कोई संबंध हो सकता है, आर के सिंह ने कहा कि इस समय यह कहना मुश्किल है कि इसके पीछे कौन है लेकिन जांच चल रही है. उन्होंने कहा, ‘‘आपको नहीं पता है कि इसके पीछे कौन है. यह कहना या इस बात से इंकार करना कठिन है कि कोई संगठन विशेष किसी से संबद्ध है या नहीं है. लेकिन कुछ चित्रों में (पाकिस्तान के) एक या दो संगठनों के नाम हैं.’’
सिंह ने कहा कि तकनीकी जांच से निष्कर्ष निकला है कि इन वेबसाइटों पर कई चित्र पाकिस्तान में अपलोड किये गये. इससे पहले पाकिस्तान ने भारत के इस दावे को ‘‘बेबुनियाद’’ बताते हुए खारिज कर दिया था कि इस देश के कुछ लोग सोशल मीडिया नेटवर्किंग साइट्स का उपयोग सांप्रदायिक भावनाएं भड़काने और पूर्वोत्तर के लोगों में दहशत फैलाने के लिए कर रहे हैं. भारतीय दावे को ठुकराने के साथ साथ पाकिस्तान ने नयी दिल्ली से इस संबंध में सबूत मुहैया कराने को भी कहा था.
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