दहशत फैलाने वाली वेबसाइटों पर प्रतिबंध. - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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सोमवार, 20 अगस्त 2012

दहशत फैलाने वाली वेबसाइटों पर प्रतिबंध.



पूर्वोत्तर के लोगों के खिलाफ दहशत फैलाने वाली वेबसाइटों पर कार्रवाई तेज करते हुए भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने ऐसी 200 साइटों की पहचान कर ली है। इसमें से 100 पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। अधिकतर पाकिस्तान की वेबसाइट हैं। इस बीच, केंद्रीय गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने पाकिस्तान से उत्तर-पूर्वी राज्यों के लोगों के खिलाफ भारत में अफवाहें फैलाने वाले तत्वों पर रोक लगाने को कहा है। 

शिंदे ने रविवार को पाकिस्तानी गृहमंत्री रहमान मलिक से इस बारे में फोन पर बात की। शिंदे ने इस दहशत के लिए सोशल मीडिया के गलत इस्तेमाल पर चिंता जताई। हालांकि मलिक ने टालमटोल वाला रुख दिखाया और आरोपों से इनकार करते हुए भारत से इसके सबूत मांगे हैं। मलिक ने गृह मंत्री पद संभालने के बधाई देने के लिए शिंदे को फोन किया था। 

शनिवार को गृह सचिव आरके सिंह ने बताया था कि पूर्वोत्तर के लोगों के खिलाफ दहशत भरे एसएमएस की शुरुआत पाकिस्तान से हुई थी। उन्होंने इस मुद्दे को पाकिस्तान के सामने उठाने की बात कही थी। गृह मंत्रालय की ओर से तैयार एक रिपोर्ट में पाकिस्तान स्थित जमात-ए-इस्लामी पर इस तरह की तस्वीरों को प्रसारित करने का शक जताया गया है। माना जा रहा है कि अफवाहें फैलाने के लिए इस्तेमाल किए गए एक नकली वीडियो के जरिए इस समूह की पहचान की गई है। साथ ही सरकार ने फेसबुक , ट्विटर और गूगल पर मौजूद सौ से ज्यादा और इंटरनेट पेज एवं खातों पर रोक लगाने का आदेश दिया है। 

बेंगलुरू में सुरक्षा बढ़ाई गई: ईद के मद्देनजर बेंगलुरू में 17 हजार पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। रैपिड एक्शन फोर्स और सीआरपीएफ की तीन कंपनियां भी लगाई गई हैं। बताया जा रहा है कि पूर्वोंत्तर के लोगों के पलायन के बाद यहां रहे उत्तर प्रदेश व बिहार वालों में दहशत फैल गई है। उन्हें लगता है कि अब अगर वाकई हिंसा हुई तो निशाना वे ही बनेंगे। पुलिस कमिश्नर ज्योति प्रकाश मिर्जी ने कहा, 'शहर में तनाव की स्थिति है। ईद का त्योहार भी है। ऐसे में सुरक्षा के लिए यह कदम उठाया गया है।' 

मुस्लिम संगठनों ने ईद पर उपद्रवियों को लेकर चेतावनी जारी की: देश के विभिन्न हिस्सों से पूर्वोत्तर राज्यों के लोगों के पलायन के बीच एक मुस्लिम संगठन ने शांति की अपील की है। संगठन ने चेताया भी है कि उपद्रवी तत्व सोमवार को ईद उल फितर के मौके पर अप्रिय स्थिति पैदा कर सकते हैं। को-ऑर्डिनेशन कमिटी ऑफ इंडियन मुस्लिम ऑन असम ने कहा कि असम में मुख्य तौर पर मुस्लिमों और अन्य लोगों के खिलाफ हिंसा दुखद है, 'हिंसा के बाद जो कुछ हो रहा है वह भयावह है।' उसने कहा कि उलेमाओं को अपने ईद 'खुदबस' में समुदाय से शांत और सतर्क रहने की अपील करनी चाहिए। समिति ने कहा, 'सांप्रदायिक भावनाएं भड़काने के प्रयास करने वाले एसएमएस और ईमेल को कुछ राष्ट्रविरोधी तत्व आम चुनावों को ध्यान में रखते हुए गढ़ रहे हैं।' 

1 टिप्पणी:

PRAVIN SINGH ने कहा…

no matter, they will start some other ways to do theire bad activity.it is just like- you always attack and i will always protect. on name of leaders we have "hijadas" . the country like India having 90% backward and sheudule cast. such country can not be independent for longer lime. arakshan is trying to make them forward cast but it has failed. backward people cannot elect lion like MODI OF GUJARAT.