बैंकों को चेक समाशोधन में देरी पर अब ग्राहक को होने वाले नुकसान की क्षतिपूर्ति करनी होगी। रिजर्व बैंक ने बैंकों से कहा कि अगर स्थानीय चेक समाशोधन में यदि देरी होती है तो इसके लिए ग्राहकों को हर्जाना देना होगा।
रिजर्व बैंक के निर्देश के अनुसार बैंकों को स्थानीय चेक के समाशोधन में देरी होने पर बचत खाते पर देय ब्याज दर के हिसाब से ग्राहक को हर्जाना देना होगा। केन्द्रीय बैंक ने कहा है कि इस मामले में कोई विशिष्ट दर नहीं होने के चलते बैंकों को बचत खाते पर देय ब्याज दर के आधार पर क्षतिपूर्ति करनी होगी। रिजर्व बैंक ने बैंकों को स्थानीय चेक के समाशोधन के लिए समयसीमा के संदर्भ में चेक वसूली नीति को फिर से तैयार करने और इसे अपनी वेबसाइट पर जारी करने का सुझाव दिया है। चेक समाशोधन में होने वाली कठिनाइयों के मद्देनजर केंद्रीय बैंक ने अधिसूचना जारी की है।
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