कोयला ब्लॉक आवंटन मुद्दे पर पीएम और गडकरी के आवासों का घेराव करने जा रही पूर्व टीम अन्ना में उभरे मतभेद. बेदी गडकरी के घेराव के पक्ष में नहीं. कोल ब्लॉक आवंटन के मुद्दे पर संसदीय चर्चा से नाराज पूर्व टीम अन्ना के सदस्य रविवार को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और भाजपा प्रमुख नितिन गडकरी के आवासों का घेराव करेंगे. हालांकि टीम की अहम सदस्य रह चुकीं किरण बेदी ने मुख्य विपक्षी पार्टी को निशाना बनाने का विरोध जताया है.
‘इंडिया अगेंस्ट करपशन’ के बैनर तले ये लोग छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और ओड़िशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के आवासों का भी घेराव करेंगे. गौरतलब है कि मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ भाजपा शासित प्रदेश हैं, जबकि ओड़िशा में बीजद (बीजू जनता दल) सत्ता में है.
विपक्षी पार्टियों की सत्ता वाले राज्यों में घेराव करने का फैसला शनिवार को किया गया जबकि गुरुवार को सिर्फ प्रधानमंत्री और गडकरी के आवासों के घेराव की बात कही गयी थी. किरण बेदी ने कहा, ‘‘मैं जंतर-मंतर पर रैली के अरविंद के आह्वान का पूरा समर्थन करती हूं. हालांकि मेरा मानना है कि हमें सत्तारुढ़ पार्टी पर निशाना साधना चाहिये, मैं उनके और अन्य लोगों के विचार का सम्मान करती हूं...’’ उन्होंने लिखा, ‘‘यह ‘भ्रष्टाचार के खिलाफ एक संयुक्त मोर्चे का वक्त है. अगर हम बिखरे रहे तो भ्रष्ट लोग खुद को बचाने के लिये सत्ता में बने रहेंगे.’’इस घेराव के बारे में केजरीवाल ने कहा, ‘‘कांग्रेस और भाजपा ने साथ मिलकर कोयला घोटाले में एक लाख 86 हजार करोड़ रुपये लूटे. प्रधानमंत्री और नितिन गडकरी के आवासों का घेराव होगा. 26 अगस्त को सुबह 10 बजे जंतर-मंतर पर इकट्ठा हों.’’
दिल्ली पुलिस का कहना है कि उन्होंने प्रदर्शन के दौरान किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिये पर्याप्त एहतियाती कदम उठाये गये हैं. इस घेराव के एहतियाती कदम के तहत कल सुबह आठ बजे से शाम छह बजे तक छह मेट्रो स्टेशन केंद्रीय सचिवालय, उद्योग भवन, पटेल चौक, रेस कोर्स, जोर बाग और खान मार्केट बंद रहेंगे. ये सभी स्टेशन मनमोहन और गडकरी के आवासों के आस-पास हैं. इस पर केजरीवाल ने कहा, ‘‘क्या भाजपा और कांग्रेस की रैलियों के दौरान भी मेट्रो स्टेशन बंद रहते हैं? क्या इसका मतलब है कि पार्टियों और राजनेताओं से कोई खतरा नहीं है लेकिन इस देश के लोग देश के लिये खतरा हैं?’’ बेदी ने कहा कि लोगों को जंतर-मंतर आने में परेशानी पैदा करने के लिये मेट्रो स्टेशन बंद करना ‘पूरी तरह गैरलोकतांत्रिक’ है.
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