कई मौके पर नफरत फैलाने वाले भाषण को लेकर राज ठाकरे को अदालत ने समन जारी किया है. महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे को उत्तर भारतीयों के प्रति कथित तौर पर नफरत फैलाने वाला भाषण देने और विभिन्न मौके पर उनके खिलाफ हिंसा भड़काने को लेकर गुरुवार को दिल्ली की एक अदालत ने समन जारी किया. अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट मनीष यदुवंशी ने राज ठाकरे को समन जारी करने का निर्देश दिया.
अदालत ने राज ठाकरे के खिलाफ दर्ज तीन अलग-अलग मामलों में यह आदेश दिया. इनमें से एक मामला बिहार के छात्रों सहित उत्तर भारतीयों पर मनसे के समर्थकों के हमले के सिलसिले में है. इन छात्रों पर 20 अक्तूबर 2008 को रेलवे भर्ती परीक्षा में शामिल होने के दौरान हमला हुआ था. यह मामला मुराद अली नाम के अधिवक्ता की शिकायत पर दर्ज किया गया था. यह मामला यहां स्थानांतरित होने से पहले बिहार के बेतिया में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में लंबित था.
दूसरा मामला सुधाकर ओझा नाम के व्यक्ति ने दर्ज कराया था. यह मनसे प्रमुख द्वारा ‘छठ पूजा’ के खिलाफ की गई कथित टिप्पणी से जुड़ा है. ये तीनों मामले उन सात मामलों में शामिल हैं, जिन्हें उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली स्थानांतरित किया था. इनमें से पांच मामले झारखंड में दर्ज किए गए थे जबकि दो बिहार में दर्ज किए गए थे. गौरतलब है कि ठाकरे ने सभी मामलों को एक जगह स्थनांतरित करने की मांग की थी.
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