भारतीय जनता पार्टी के नेता और पूर्व केन्द्रीय मंत्री अरुण शौरी ने पार्टी के रुख से अलग नजरिया अपनाते हुए कहा कि कोयला घोटाले पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को संसद में बयान देने का अवसर दिया जाना चाहिए।
शौरी ने यहां एक कार्यक्रम में शिरकत करने के बाद संवाददाताओं से कहा कि कोयला ब्लाक आवंटन में घोटाले के मसले पर विपक्ष को संसद की कार्यवाही बाधित करके कुछ भी हासिल नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि ब्लाक आवंटित किए जाते समय प्रधानमंत्री के पास ही कोयला मंत्रालय का प्रभार था। उन्हें अपने समर्थन में तर्क पेश करने का मौका दिया जाना चाहिए।
शौरी का यह बयान उनकी पार्टी के अब तक के रुख से अलग है। भाजपा नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षण की रिपोर्ट में कोयला आवंटन में भारी नुकसान होने का आकलन पेश किए जाने के बाद से ही प्रधानमंत्री के इस्तीफे की मांग को लेकर संसद की कार्यवाही ठप करती आ रही है। हालांकि शौरी ने कहा कि विपक्ष चर्चा के लिए इसलिए तैयार नहीं हो रहा है कि बहस के बाद अब तक कुछ भी नहीं होता रहा है। उन्होंने कहा.कि लेकिन एक बार सरकार अपने कदमों से यह जताने में सफल रहती है कि वह चर्चा के बाद फैसले लेगी तो बहस से कोई समस्या नहीं होगी। आखिरकार विपक्ष को संसद की कार्यवाही बाधित करके कुछ भी नहीं मिल पाता है।
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