रमजान महीने में बड़े नेताओं की इफ्तार पार्टियों पर भी अब राजनीति का रंग दिखने लगा है। एक दौर था जब नेताओं की इफ्तार पार्टियों में न सिर्फ मजहबी बिल्क दलों की दीवारें भी टूट जाया करती थीं। किसी दल के शीर्ष नेता द्वारा दी जाने वाली इफ्तार की दावतों में दूसरी पार्टियों के शीर्षस्थ नेता भी लजीज व्यंजनों का लुत्फ उठाते थे। इस मौके पर जब वे गले मिलते थे तो उनके दिलों के रंजोगम भी दूर होते थे।
पर आजकल निमंत्रण पत्र भी दलों की सीमाओं में सिमटते जा रहे हैं जो कि हाल की कुछ प्रमुख इफ्तार पार्टियों के आयोजनों में देखने को मिली। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 9 अगस्त को 1, अणे मार्ग में दावते इफ्तार का आयोजन किया। इसी तरह 13 अगस्त को राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने 10 सर्कुलर रोड और उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने अंजूमन इस्लामिया हॉल में इफ्तार की पार्टी दी।
तीनों जगहों पर दूसरे दलों के कुछेक नेताओं को छोड़ दें तो उनके शीर्ष नेता नजर नहीं आए। मुख्यमंत्री के घर पर दी गई दावत में राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी नहीं दिखे। हालांकि मुख्यमंत्री की ओर से दोनों को विधिवत निमंत्रण पत्र भेजा गया था। इसके बाद जब राजद अध्यक्ष ने अपने घर इफ्तार पार्टी दी तो वहां मुख्यमंत्री नहीं दिखे। चर्चा है कि मुख्यमंत्री को राजद अध्यक्ष के यहां से न्योता ही नहीं भेजा गया। हालांकि लालू प्रसाद के एक करीबी नेता का दावा है कि मुख्यमंत्री को आमंत्रण भेजा गया था। बहरहाल राजद सुप्रीमो का निमंत्रण पत्र मुख्यमंत्री सचिवालय को नहीं मिला।
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