सर्वोच्च न्यायालय ने मुंबई पर वर्ष 2008 में हुए आतंकवादी हमले में पकड़े गए एकमात्र जीवित आतंकवादी अजमल आमिर कसाब की फांसी की सजा बुधवार को बरकार रखी है।
मुम्बई की एक विशेष अदालत ने वर्ष 2010 में कसाब के खिलाफ फांसी की सजा सुनाई थी। कसाब ने इस फैसले को बम्बई उच्च न्यायालयम में चुनौती दी थी, जिसे न्यायालय ने फरवरी 2011 में अमान्य कर दिया था।
मुम्बई पर हुए हमले में 166 लोगों की मौत हुई थी। पाकिस्तानी आतंकवादियों ने समुद्र के रास्ते मुम्बई पर हमला किया था, जिसमें कसाब भी शामिल था। बाकी के आतंकवादी मारे गए थे लेकिन कसाब को जिंदा पकड़ लिया गया था।
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