कैग रिपोर्ट को लेकर प्रधानमंत्री से इस्तीफे की मांग कर रहे विपक्ष के हंगामे के कारण संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई. इसके पहले कैग की रिपोर्ट के आधार पर प्रधानमंत्री से इस्तीफा मांग रहे विपक्षी राजग, अन्नाद्रमुक एवं वाम दलों के भारी हंगामे के कारण सदन की बैठक शुरू होने के कुछ ही मिनट बाद दोपहर बारह बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी. हंगामे के कारण राज्यसभा में प्रश्नकाल नहीं चल पाया.
राज्य सभा की बैठक शुरू होने पर जैसे ही सभापति हामिद अंसारी ने प्रश्नकाल शुरू होने की घोषणा की, भाजपा, जदयू, अन्नाद्रमुक, वाम दलों के सदस्यों ने अपने स्थानों पर खड़े होकर कोयला आवंटन से जुड़ा मामला उठाना शुरू कर दिया. भाजपा के कुछ सदस्यों ने प्रधानमंत्री के इस्तीफे की मांग करते हुए नारे लगाये. इसी बीच अन्नाद्रमुक और जदयू सदस्य कैग रिपोर्ट की प्रति सदन में दिखाने लगे. सभापति ने उन्हें ऐसा नहीं करने के लिए आग्रह किया. हंगामे के बीच ही नरेश अग्रवाल सहित सपा के कई सदस्य कोई अन्य मुद्दा उठाने का प्रयास करने लगे. हंगामे के कारण उनकी बात नहीं सुनी जा सकी.
सभापति ने विपक्षी सदस्यों से कहा कि उनमें से कोई एक अपनी बात को सदन में रखे. यदि सब एक साथ बोलेंगे तो कुछ भी नहीं समझ में आयेगा. लेकिन उनकी इस अपील का कोई असर नहीं हुआ. हंगामा थमते न देख सभापति ने बैठक को शुरू होने के महज पांच मिनट बाद ही दोपहर बारह बजे तक स्थगित कर दिया.
दोपहर 12 बजे बैठक फिर शुरू होने पर कांग्रेस के वरिष्ठ सदस्य प्रो. पीजे कुरियन को सर्वसम्मति से सदन का उपसभापति चुना गया. उनको इस पद पर निर्वाचित करने के लिए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने प्रस्ताव रखा जिसका विपक्ष के नेता अरूण जेटली ने समर्थन किया. इसके अलावा अन्य छह नेताओं ने भी उनके पक्ष में प्रस्ताव पेश किया. इसके बाद सभापति हामिद अंसारी ने कुरियन के सर्वसम्मति से निर्वाचित होने की घोषणा की.
चुनाव के बाद सभापति, प्रधानमंत्री, जेटली सहित सभी दलों के नेताओं ने कुरियन को बधाई और शुभकामनाएं दीं. इसके बाद जैसे ही सभापति ने कुरियन को सदन की कार्यवाही चलाने के लिए आसन पर आमंत्रित किया, विपक्षी सदस्यों ने कैग रिपोर्ट को लेकर हंगामा शुरू कर दिया. राजग सदस्य ‘प्रधानमंत्री इस्तीफा दो’ का नारा लगाते हुए लोकसभा अध्यक्ष के आसन के समीप आ गए. इस बीच वाममोर्चा सदस्य भी अपने स्थान से कैग की रिपोर्ट पर नारेबाजी करते देखे गए. तेदेपा और अन्नाद्रमुक सदस्य भी कैग की रिपोर्ट पर सफाई मांगते देखे गए.
कैग की रिपोर्ट में कोयला ब्लॉक आवंटन में बिना बोली लगाये, दिल्ली हवाई अड्डे के विकास और एक बिजली परियोजना के लिए कोयला देने जैसे मामलों में निजी कंपनियों को 3.06 लाख करोड़ रूपये का फायदा पहुंचाने का अनुमान लगाया गया है. अध्यक्ष मीरा कुमार ने सदस्यों को अपने स्थान पर जाने और सदन की कार्यवाही चलने देने का आग्रह किया लेकिन भाजपा समेत अन्य विपक्षी सदस्यों पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ा.
शोर शराबा थमता नहीं देख अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही कुछ ही मिनट बाद दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दी. बाद में लोकसभा को बुधवार तक के लिए स्थगित कर दी गई. सत्ता पक्ष की ओर से संसदीय कार्य मंत्री पवन कुमार बंसल एवं संसदीय कार्य राज्य मंत्री राजीव शुक्ला ने कुछ कहना चाहा. लेकिन हंगामे में उनकी पूरी बात सुनी नहीं जा सकी. शुक्ला कह रहे थे कि सरकार इस मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है लेकिन विपक्ष इससे भाग रहा है. हंगामा थमते नहीं देख कुरियन ने करीब दोपहर 12 बजकर 40 मिनट पर बैठक पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी.
लोकसभा में भी कार्यवाही शुरू होते ही भाजपा नीत राजग सदस्य कोयला ब्लाक आवंटन एवं अन्य विभागों में कथित अनियमितता पर कैग की रिपोर्ट का हवाला देते हुए प्रधानमंत्री के इस्तीफे की मांग करने लगे.
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