प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के आवास, 7 रेसकोर्स में मंगलवार शाम तीन घंटे तक चली सर्वदलीय बैठक बेनतीजा खत्म हो गई। सरकारी नौकरियों में अनुसूचित जाति और जनजाति की पदोन्नित में आरक्षण पर सहमति बनाने के लिए ये बैठक बुलाई गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में पदोन्नति में आरक्षण को खारिज कर दिया था। इसके बाद सरकार पर संविधान संशोधन के जरिये ये सुविधा बहाल करने का दबाव है। सरकार ने संकेत दिया है कि वो इसके लिए तैयार है।
पीएमओ में राज्यमंत्री नारायण सामी ने कहा कि सरकार कानूनी तौर पर वैध बिल लेकर आएगी वहीं बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने मांग करते हुए कहा कि पीएम इसी सत्र में बिल लाएं जो संविधान सम्मत हो। लेकिन आरक्षण को अपनी राजनीति का अहम हिस्सा मानने वाले कई नेता इस बिल पर हीला-हवाली कर रहे हैं। जेडीयू नेता शरद यादव और आरजेडी नेता लालू यादव ने कहा है कि अगर पिछड़ों और अल्पसंख्यकों को भी ये सुविधा दी जाए, तो वे समर्थन पर विचार कर सकते हैं। लेकिन समाजवादी पार्टी पदोन्नति में आरक्षण का खुला विरोध कर रही है। एसपी सांसद रामगोपाल यादव ने कहा कि पार्टी इसके खिलाफ है।
मुख्य विपक्षी दल बीजेपी ने फिलहाल कोई राय नहीं जताई है। उसने मांग की है कि सरकार पहले प्रस्तावित बिल का मसौदा सामने लाए। प्रधानमंत्री की अध्यक्षता मे हुई इस बैठक में यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी, लालकृष्ण आडवाणी,सुषमा स्वराज समेत सभी पार्टियों के नेता मौजूद थे। लेकिन विरोध और असमंजस को देखते हुए लगता नहीं कि मॉनसून सत्र में ये बिल पेश भी हो पाएगा।
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